नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 15 नवंबर में सैन फ्रैंसिस्को में मुलाकात कर सकते हैं. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, इस मुलाकात के दौरान इजरायल-हमास जंग, यूक्रेन-रूस जंग और ताइवान को मिल रही अमेरिकी मदद को लेकर होगी. ताइवान में अगले साल चुनाव होने हैं और चीन इस बैठक जरिए ये सुनिश्चित करना चाहेगा कि अमेरिका किसी तरह की दखल से बचे और ताइवान के पक्ष में बात करने बचे. इसके अलावा मध्य-पूर्व उपजे हालिया तनाव और संघर्ष को लेकर चीन से बात कर सकता है.
हमास-इजरायल की जंग के शुरूआती दिनों में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन से गुजारिश की थी कि चीन अपने प्रभाव का इस्तेमाल ईरान पर करे ताकि जंग में शांति स्थापित की जा सके. अब उम्मीद की जा रही है जो बाइडेन सैन फ्रैंसिस्को की बैठक के दौरान शी जिनपिंग से इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं.
चीन और अमेरिका के बिगड़े संबंधों को सुधारने की पहल
अमेरिका के कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि शी जिनपिंग सैन फ्रैंसिस्को में बाइडेन के अलावा कई अमेरिका कारोबारियों से भी मिलेंगे. अमेरिका में चीन के राजदूत शाई फेंग ने दोनों देशों के बीच रिश्तों में गरमाहट लाने की बात कही थी.
चीन और अमेरिका के रिश्ते अपने सबसे खराब दौर में तब पहुंच गए थे जब अमेरिका ने चीन पर जासूसी गुब्बारे के जरिए अमेरिका पर नजर रखने का आरोप लगाया था. इससे पहले पिछले साल तत्कालीन अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था, जिसके बाद चीनी सेना ने अमेरिकी सेना के साथ अपनी बातचीत पर रोक लगा दी.
दोनों देशों के राष्ट्रपति की मुलाकात से पहले इस हफ्ते ही अमेरिकी वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने चीन के समकक्ष हे लिफेग ने मुलाकात की थी. ये मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने के लिए एक शुरूआत के तौर पर देखा गया. इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया.
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