जरूरतमंदों को बुलाकर कमरे में बंद कर देते थे यातनाएं, मास्टरमाइंड गिरफ्त से दूर
इन्दौर। नौकरी दिलाने का झांसा देकर इंदौर बुलाकर जरूरतमंदों को बंधक बनाने और उन्हें दूसरे लोगों के साथ ठगी करने के लिए मजबूर करने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। हालांकि गिरोह का सरगना तो पुलिस के हाथ नहीं आया, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। ये ठगी इंदौर में एक युवती के इशारे पर की जाती थी। बुलाए गए युवकों को बंधक बनाकर यातनाएं भी दी जाती थीं।
किशनंगज टीआई शंशिकात चौरसिया ने बताया कि विश्वजीत उर्फ सूर्या ठाकुर निवासी फर्रुखाबाद यूपी सहित कई युवक पुलिस को शिकायत कर चुके हैं कि एक गिरोह जो उन्हें ठग चुका है, अब दूसरों को ठगने के लिए मजबूर कर रहा है। विश्वजीत ने बताया कि कैप्सटाउन सिटी पिगडंबर में उसे कई दिनों तक एक फ्लैट में बंधक बनाकर रखा गया। इससे पहले उससे संपर्क कर पिगडंबर के अभय राठौर, प्रदीप शर्मा, दीपक यादव, हरिओम निवासी पांदा, सूरज चौधरी निवासी यूपी, राहुल निवासी उत्तराखंड और मंजुल दीक्षित निवासी फर्रुखाबार्द ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था। यहां उससे करीब 50 हजार रुपए ऐंठ लिए। जिस फ्लैट में उसे रखा गया वहां कई और युवकों को ऐसे ही बुलाकर रखा गया और बाद में न तो नौकरी दिलाई और न रुपए लौटाए। अब ये लोग मजबूर कर रहे हैं कि ऐसे ही अन्य युवकों से संपर्क कर उन्हें यहां बुलाओ और उनसे रुपए ऐंठो। पूरे गिरोह की स्टेट हेड शिवानी नामक युवती है, जो पुलिस की गिरफ्त से दूर है। शिवानी के इशारों पर दूसरे आरोपी लोगों को शिकार बनाते हैं। शिवानी का बॉस सुमित कुमार उर्फ रिंकू है। वह राष्ट्रीय स्तर पर पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड है। इन दोनों के अलावा जिन युवकों पर पुलिस ने कार्रवाई की है वे भी कभी न कभी इस गिरोह की ठगी का शिकार हुए थे, लेकिन बाद में इनके कहने पर ठगी करने लग गए।
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