जबलपुर। भूमि अधिग्रहण के बावजूद भी नौकरी का आवेदन निरस्त किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस विशाल धगत की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि रेलवे चेयरमैन ने भूमि अधिग्रहण के सभी प्रकरणों में नौकरी देने के आदेश जारी किये है। एकलपीठ ने रेलवे को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता के नये अभ्यावेदन का 60 दिनों में निराकरण करें। याचिकाकर्ता गीता दवे की ओर से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि पश्चिम मध्य रेलवे ने उनकी जमीन का अधिग्रहण किया था।
नियमानुसार जमीन अधिग्रहण करने पर रेलवे द्वारा संबंधित व्यक्ति को रोजगार दिया जाता है। उसने नौकरी के लिए आवेदन किया था,जो खारिज कर दिया। रेलवे द्वारा तर्क दिया गया कि भूमि अधिग्रहण के एवज में नौकरी देने की पॉलिसी नवम्बर 2019 को समाप्त हो गयी है। उसके द्वारा सितम्बर 2020 को आवेदन किया गया है। याचिकाकर्ता की तरफ से एकलपीठ को बताया गया कि रेलवे चेयरमैन ने मार्च 2021 में भूमि अधिग्रहण के एवज में नौकरी देने के आदेश जारी किये है। एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया। याकिचाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजय वर्मा ने पैरवी की।
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