नई दिल्ली (New Delhi)। आईआईटी में दाखिले(admission in iit) पाने के लिए छात्र आज भी काफी मेहनत करते हैं। कठिन परीक्षा(tough exam) पास करने के बाद ही देश (Country)के इस प्रतिष्ठित कॉलेज (Prestigious College)में दाखिला मिलती है। लेकिन, 2024 के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह चिंतनीय है। आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र धीरज सिंह द्वारा आरटीआई के जरिए मांगे गए आवेदन से पता चला है कि आईआईटी के सभी 23 कैंपस में लगभग 38% छात्रों को अभी भी नौकरी नहीं मिली है।
आईआईटी दिल्ली ने अपने पूर्व छात्रों को मेल कर वर्तमान बैच में पास होने वाले छात्रों को नौकरी दिलाने और छात्रों की सिफारिश करने में मदद मांगी है। आईआईटी-बॉम्बे और बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ने भी अपने पूर्व छात्रों से मदद मांगी है।
आईआईटी दिल्ली में 2023-24 का प्लेसमेंट सत्र समाप्त होने वाला है। लेकिन छात्रों को यहां नौकरी पाने के लिए कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। आरटीआई के जवाब के मुताबिक, आईआईटी के लगभग 400 छात्रों को अभी तक नौकरी नहीं मिली है।
बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ने पहली बार दो महीने पहले अपने पूर्व छात्रों से मदद मांगी है। आईआईटी-बॉम्बे ने भी पूर्व छात्रों से संपर्क किया है। इन कॉलेजों में प्लेसमेंट अभी भी जारी है और जून के अंत तक चलेगा। प्लेसमेंट में भाग लेने वाले बैच के लगभग 10% छात्रों को अभी तक नौकरी नहीं मिली है। आरटीआई के अनुसार, पिछले साल 329 छात्रों को नौकरी नहीं मिली थी।
बिट्स समूह के कुलपति वी रामगोपाल राव ने कहा, “हर जगह प्लेसमेंट 20% से 30% कम है। अगर कोई संस्थान कह रहा है कि सभी छात्रों को नौकरी मिल गई है, तो नौकरियों की गुणवत्ता सही नहीं है। यह पहला वर्ष है जब चैटजीपीटी और बड़े लैंग्वेज मॉडल ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। इस साल सभी 23 आईआईटी में 7,000 से अधिक आईआईटी छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से नियुक्त किया जाना बाकी है। दो साल पहले यह अनप्लेस्ड संख्या आधी यानी 3,400 थी। प्लेसमेंट में बैठने वाले छात्रों की संख्या 1.2 गुना बढ़ गई है। ”
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