रांची । झारखंड (Jharkhand) में पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) को लेकर राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है। ऐसे वक्त में राज्य में केंद्रीय मंत्रियों के सरकारी दौरे (Visit of Union Ministers) पर राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस (JMM-Congress) को सख्त एतराज है (Strongly Objected)। राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) से की शिकायत की गयी है (Complained)।
इन दोनों पार्टियों के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें राज्य में पंचायती राज चुनावी प्रक्रिया के दौरान केंद्रीय मंत्रियों के सरकारी दौरे पर रोक लगाने की मांग की गयी है। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झामुमो की सेंट्रल कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य, विनोद पांडेय और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद शामिल थे। ज्ञापन में बताया गया है कि आगामी एक पखवाड़े में भारत सरकार के कई मंत्रियों का 19 जिलों में प्रवास एवं राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक का कार्यक्रम तय किया गया है। यह सर्वथा अनुचित एवं राज्य में लागू चुनाव आचार संहिता के विरुद्ध है।
झामुमो और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि केंद्रीय मंत्री सरकारी दौरे के दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे। इससे आसन्न त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित होगी। आचार संहिता के अनुसार राज्य के राजनीतिक दल के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को निर्वाचन के सभी प्रकार के प्रचार कार्य से दूर रहना है। आचार संहिता के चलते अपरिहार्य कारणों को छोड़ कर राज्य सरकार की ओर से किसी भी प्रकार के जन कल्याणकारी योजना की घोषणा अथवा आश्वासन पर भी रोक लगाई गई है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न होने तक आदर्श चुनाव आचार संहिता अस्तित्व में रहेगी, इसलिए इस दौरान केंद्रीय मंत्रियों का दौरा गलत है।
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