नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त करने और राज्य का दर्जा रद्द देने के तीन साल पूरे हो गए हैं। आज ही के दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Central Home Minister Amit Shah) ने संसद में बिल पेश कर इसे निष्क्रिय कर दिया था। हालांकि, पाकिस्तान (Pakistan) आज भी अपनी नापाक हरकतों (nefarious antics) से बाज नहीं आ रहा है। उसने सोशल मीडिया में भारत के खिलाफ प्रोपोगैंडा फैलाने के लिए एक टूलकिट तैयार किया है। हालांकि, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भी करारा जवाब देने की योजना बना ली है।
कश्मीर पर पाकिस्तान के हालात बेगाने की शादी में अब्दुल्ले जैसे है। पड़ोसी मुल्क बार-बार इमें अड़ंगा डालने की कोशिश करता है। हालांकि, उसे निराशा ही हाथ लगती है। अब खबर आ रही है कि उसने कश्मीर को लेकर एक टूल किट तैयार की है। उसने 15 पन्नों का भारत विरोधी डोजियर तैयार किया है।
पाक एजेंसियों द्वारा टूलकिट तैयार किया गया है। यह 5 अगस्त से ठीक एक दिन पहले सामने आया है। डोजियर के अनुसार, चीन, बेल्जियम, जापान, यूक्रेन, बर्मिंघम, दुबई, ऑस्ट्रेलिया, इटली, डेनमार्क और जर्मनी में पाकिस्तान के दूतावास सोशल मीडिया पर मसौदा संदेश प्रसारित कर रहे हैं कि कैसे “भारत को 5 अगस्त 2019 से स्थापित अपने एकतरफा और अवैध उपायों को उलट देना चाहिए। कश्मीर के लोगों के खिलाफ उसके उत्पीड़न और मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकें। कब्जे वाले क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को रोकें और उलट दें।”
भारत भी देगा करार जवाब
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंसियां पांच अगस्त को इन संदेशों के साथ सोशल मीडिया पर बमबारी करने की योजना बना रही हैं। भारत के खुफिया एजेंसियों ने भी सोशल मीडिया पर भारत विरोधी सामग्री प्रसारित करने के पाकिस्तान के प्रयासों का मुकाबला करने के लिए एक डोजियर तैयार किया है।
आज भी चुनाव का इंतजार
आर्टिकल-370 की तीसरी बरसी के दिन भी कश्मीर की जनता और यहां के राजनेताओं को चुनाव का इंतजार है। हाल ही में श्रीनगर में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा था कि शहर में होटल भरे हुए हैं और हवाईअड्डा पर्यटकों से गुलजार है। उन्होंने कहा था, “जम्मू और कश्मीर पिछले 70 वर्षों में पहली बार एक शीर्ष पर्यटन स्थल बन गया है। राज्य में सामान्य स्थिति लौट आई है।”
यह पूछे जाने पर कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब होंगे, शाहनवाज हुसैन ने कहा, “भारत का चुनाव आयोग स्वतंत्रत संस्था है। कश्मीर में चुनाव काराने का फैसला उसे करणा है।” उन्होंने कहा कि सरकार और भाजपा का चुनाव के संचालन से कोई लेना-देना नहीं है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में चुनाव का समय तय करने जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में नवंबर 2018 से विधानसभा नहीं है। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा विधानसभा भंग कर दी गई थी। भाजपा द्वारा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार से बाहर निकलने के बाद जून 2018 में जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया था।
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