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    J&K: कश्मीरी पंडितों पर हो सकते हैं हमले, सीमा पार से हुई हथियार और गोला-बारूद की तस्करी

  • August 17, 2022

    नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में कश्मीरी पंडित सुनील भट्ट की हत्या (Kashmiri Pandit Sunil Bhatt murder) के बाद आतंकियों (terrorists) ने गैर मुस्लिमों के लिए नई चेतावनी जारी की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, कश्मीर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने और विभिन्न स्थानों पर तिरंगा यात्रा करने को लेकर आतंकियों में गुस्सा है। उन्होंने घाटी में और हमले की चेतावनी जारी की है। खुफिया विभाग को इनपुट मिला है कि सीमा पार (across border) से बड़ी मात्रा में छोटे हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी (small arms and ammunition smuggled) की गई है, जो स्पष्ट संकेत देता है कि घाटी में आतंकी इस तरह की वारदातों को फिर अंजाम दे सकते हैं।

    जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकियों ने दो कश्मीरी पंडितों पर जानलेवा हमला किया। जानकारी के अनुसार, घटना के वक्त दोनों भाई सेब के बगीचे में काम कर रहे थे। आतंकियों ने एके-47 राइफल से उन पर हमला बोला। इस हमले में सुनील भट्ट की मौत हो गई। जबकि पिंटू कुमार अस्पताल में भर्ती है। आतंकी संगठन केएफएफ (कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकी संगठन का कहना है कि सुनील भट्ट तिरंगा रैली में गए थे इसलिए उनकी हत्या की गई।


    घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों के प्रभारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, “शोपियां में हुई आतंकी घटना को लेकर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। कटापोरा के आदिल वानी को एक गवाह ने पहचाना है। दोनों की तलाश कर रहे हैं।”

    तिरंगा यात्रा पर गए थे दोनों भाई
    उनके अनुसार, पीड़ित सुनील कुमार का परिवार उन परिवारों में से एक था, जो 1990 के दशक में भी कभी कश्मीर से पलायन नहीं किया था, जब आतंकवाद अपने चरम पर था। हाल ही में लक्षित हत्याओं के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक गार्ड उनके घर के बाहर तैनात था। जानकारी के अनुसार, दोनों भाइयों को ‘तिरंगा रैलियों’ में भाग लेने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए निशाना बनाया गया था।

    और हो सकते हैं हमले
    सूत्रों के मुताबिक, खुफिया विभाग को इनपुट मिला है कि आतंकी इस तरह की और घटना की तैयारी कर रहे हैं। “नियमित इनपुट हैं जो बताते हैं कि सीमा पार से बड़ी मात्रा में छोटे हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी की गई है, और यह एक स्पष्ट संकेतक है कि इस तरह के लक्षित हत्या और ग्रेनेड फेंकने के अलग-अलग मामलों में आने वाले दिनों में वृद्धि देखी जाएगी।”

    गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह की घटनाओं को बिना ट्रेनिंग के भी कोई भी अंजाम दे सकता है। उन्होंने कहा, “वे प्रतीकों या ऐसे लोगों को निशाना बना रहे हैं जो या तो प्रतिष्ठान के करीबी माने जाते हैं या संबंधित क्षेत्रों में स्थापित प्रशासन का प्रतिनिधित्व करते हैं।”

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