जम्मू (Jammu)। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में पहाड़ी समुदाय (Hill community.) को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा (Scheduled Tribe (ST) status) दिए जाने पर गुज्जर-बकरवाल समुदाय (Gujjar-Bakarwal community) के विरोध की आशंका के चलते प्रशासन ने एहितहाती कदम उठाते हुए पुंछ, राजोरी में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद (Mobile internet service closed) कर दी है। इसके साथ ही भीड़ जुटाने या रैलियां निकालने पर भी रोक लगा दी गई है।
सूत्रों के अनुसार मंगलवार को पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा मिलने के बाद गुज्जर समुदाय के लोग विरोध-प्रदर्शन करने लगे थे। इससे अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। इधर जम्मू में धारा 144 लागू कर दी गई है। सार्वजनिक स्थान पर लोगों के समूह में एकत्र होने पर रोक लगा दी है।
मंगलवार रात में ही प्रशासन ने विरोध रोकने के लिए इंटरनेट बंद करने का निर्णय ले लिया था। बुधवार सुबह जब जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों पुंछ और राजोेरी में मोबाइल इंटरनेट नहीं चले तब जाकर लोगों को पता चला। वहीं दोनों जिलों के विभिन्न इलाकों में पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों सहित सशस्त्र बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल यह स्पष्ट कर चुके हैं कि इस फैसले से गुज्जरों और बकरवालों की आरक्षण स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बावजूद इसके मंगलवार को इस निर्णय के विरोध में गुज्जर और बकरवाल छात्रों ने जम्मू विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया था। तर्क दिया था कि यह निर्णय उनके लिए अन्यायपूर्ण है और इससे उनका अधिकार छीना गया है।
गुज्जर बकरवाल युवा कल्याण कान्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर के प्रवक्ता गुफ्तार अहमद चौधरी ने अपने एक्स अकाउंट पर संविधान की हत्या, आरक्षण के विचार की हत्या, जम्मू-कश्मीर के आदिवासी समुदाय के लिए काला दिन लिखकर पोस्ट किया। इस तरह से भड़काऊ मैसेज न फैलें इसके लिए प्रशासन को मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी। प्रशासन ने लोगों से अफवाह न फैलाने की अपील की है।
पुलिस से इनपुट मिलने के बाद सख्ती बढ़ाई
पहाड़ी जातीय समूह को अनुसूचित जनजाति का दर्ज मिलने के बाद जम्मू शहर में उपजे माहौल को देखते हुए जम्मू उपायुक्त सचिन कुमार वैश्य ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है। अपने आदेश में उपायुक्त ने कहा है कि जिले में सार्वजनिक स्थान पर लोगों के समूह में रहने पर रोक है। इसके साथ ही जिले में सोशल मीडिया पर सख्त नजर रखी जा रही है।
न्यूज पोर्टल पर सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगड़ाने वाला पोस्ट, मैसेज करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि पुलिस की तरफ से लगातार जिले में कानून -व्यवस्था को लेकर नकारात्मक इनपुट मिल रहे हैं।
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