नई दिल्ली (New Delhi)। जम्मू संभाग (Jammu division) में आतंकियों (Terrorists) का सफाया करने के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए हैं। पुलिस के एसओजी दल (SOG team of police) के 75 कैंप ( 75 camps) जंगलों में स्थापित होंगे। इनमें पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल भी होंगे। इसके अलावा बार्डर पर सुरंगों का पता लगाने के लिए बीएसएफ की तैनाती (BSF deployment) होगी। वीडीजी सदस्यों को नए हथियार देकर प्रशिक्षित किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, एनएसए अजित डोभाल और एलजी मनोज सिन्हा ने ऐसे कई मुद्दों को लेकर बैठक की है।
सूत्रों का कहना है एसओजी कैंप स्थापित करने के लिए रणनीतिक बिंदुओं की पहचान की गई है, जहां स्थानीय पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के जवान तैनात किए जाएंगे। आतंकियों की तलाश में रोजाना गश्त करेंगे। वहीं वीडीजी के लिए पारंपरिक .303 राइफल और अर्ध-स्वचालित एसएलआर जैसे हथियारों का उपयोग करने का नियमित प्रशिक्षण फिर से शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है। यह भी पता चला है कि आतंकी पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) काॅल करने के लिए स्थानीय लोगों के हाॅटस्पाट कनेक्शन का उपयोग कर रहे हैं। लोगों को ऐसा करने से मना किया गया है।
आतंकी चरवाहों को 500 से एक हजार रुपये देकर मंगवा रहे खाना
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, आतंकियों को रसद उपलब्ध कराने को लेकर संदिग्ध लोगों से पूछताछ में पता चला कि जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित पाकिस्तान के 30-40 लोगों का एक समूह जम्मू में घुसपैठ कर चुका है। ये कठुआ, डोडा, उधमपुर, किश्तवाड़ और सांबा के जंगलों में छिपे हैं। जिन लोगों से वे संपर्क करते हैं, उनमें अधिकतर चरवाहे हैं। इन्हें 500 से एक हजार रुपये देकर सात दिन का राशन मंगवा लेते हैं। बता दें कि हाल ही में 2 हजार बीएसएफ कर्मियों को कठुआ-सांबा बार्डर पर भेजा गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से सुरंगों के आसपास घुसपैठ को रोकने के लिए तैनाती को मजबूत करने के लिए इन्हें भेजा गया है।
मुखबिरों को अब सालाना 30,000
गृह मंत्रालय ने मुखबिरों को आर्थिक मदद देने के लिए अर्धसैनिक बलों व अन्य खुफिया एजेंसियों के महानिदेशकों की वित्तीय शक्तियों में संशोधन किया है। ऐसा दो दशक से अधिक समय के बाद हुआ है। अब सालाना एक मुखबिर को पूर्व के 500 रुपये की जगह 30 हजार रुपये दिए जा सकेंगे। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), असम राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), खुफिया ब्यूरो (आईबी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एनपीए) के महानिदेशकों की वित्तीय शक्तियों को विभिन्न श्रेणियों के तहत बढ़ाया गया है। गृह मंत्रालय के आदेशानुसार, महानिदेशक अब किसी खबरी को एक बार में पहले के 50 रुपये की तुलना में 3000 रुपये दे सकेंगे। इससे पहले 2002 में संशोधन हुआ था।
मनोरंजन के लिए 2,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रतिवर्ष किया गया
पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों के भरण-पोषण पर खर्च को भी 15 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से संशोधित कर 51.43 रुपये (नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात्रि भोजन) कर दिया गया है। विशिष्ट अतिथियों, चाहे वे विदेशी हों या भारतीय, जिनके साथ महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए संपर्क स्थापित करना होता है, के मनोरंजन के लिए वित्तीय सीमा को 2000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है। यह समय-समय पर सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के अधीन है। इसी प्रकार, मुद्रण एवं बाइंडिंग के लिए वित्तीय सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है।
हिजबुल का ओजीडब्ल्यू दस दिन पुलिस रिमांड पर
सुरक्षाबलों ने हिज्बुल के ओजीडब्ल्यू को बुधवार को 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। गौरतलब है कि सुरक्षाबलों ने मंगलवार देर शाम मंगनाड़ से हिजबुल मुजाहिदीन के ओजीडब्ल्यू मोहम्मद खलील लोन निवासी जिला बांदीपोरा कश्मीर को देर रात पुंछ थाने में लाया गया था। यहां से उसे बुधवार सुबह स्वास्थ्य जांच के लिए राजा सुखदेव सिंह जिला अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद उसके खिलाफ पुंछ थाने में मामला दर्ज किया है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी ओजीडब्ल्यू को पुंछ सेशन न्यायालय में सेशन जज के समक्ष पुलिस रिमांड के लिए पेश किया। यहां आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले और उनकी संगीनता को देखते हुए सेशन जज ने ओजीडब्ल्यू को 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
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