श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu-Kashmir) के आईजीपी (IGP) ने कहा कि स्थानीय युवाओं (Local Youths) को आतंकवाद में शामिल होने से (From Joining Militancy) रोकने के लिए (To Prevent) बहुआयामी मोर्चे पर (On the Multidimensional Front) काम कर रही है (Working) ।
विजय कुमार, आईजीपी (कश्मीर) ने कहा कि पुलिस स्थानीय युवाओं को आतंकवाद में शामिल होने से रोकने के लिए बहुआयामी मोर्चे पर काम कर रही है और युवाओं को आतंकवाद की ओर लुभाने की कोशिश करने वालों पर मामला दर्ज किया जा रहा है।
“हम स्थानीय आतंकवादी भर्ती को रोकने के लिए बहुआयामी मोचरें पर काम कर रहे हैं। माता-पिता का समर्थन बहुत जरूरी है। माता-पिता ने बड़ी संख्या में युवाओं को आतंकवाद से वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” आईजीपी ने कहा, “हम तकनीकी निगरानी के जरिए नई भर्तियों पर भी नजर रख रहे हैं।”
पुलवामा जिले में रविवार की मुठभेड़ का जिक्र करते हुए, आईजीपी ने कहा कि मारे गए दो आतंकवादी स्थानीय निवासी थे और जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े थे। उन्होंने कहा, “साकिब और आबिद के रूप में पहचाने गए, मारे गए आतंकवादी 13 मई को पुलवामा जिले के गुडुरा गांव में पुलिस कांस्टेबल रेयाज अहमद की हत्या में शामिल थे।”
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