श्रीनगर। हाइब्रिड आतंकी (Hybrid Terrorists) कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में सुरक्षा बलों (security forces) के लिए मुसीबत बने हुए हैं। उनकी बढ़ती तादाद के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियां (security agencies) जवाबी रणनीति बना रही है। ऐसे आतंकियों की सभी इलाकों में सूची बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। खुफिया और सुरक्षा एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, कश्मीर घाटी में 600 से ज्यादा हाइब्रिड आतंकी सक्रिय हैं।
सूत्रों का कहना है कि प्रमुख सक्रिय आतंकी गुट (major active terrorist group) हाइब्रिड आतंकियों को बढ़ावा देने में जुटे हैं। इनको ढाल बनाकर घुसपैठ में मदद ली जा रही है। इनका उद्देश्य प्रवासी मजदूरों और पंडितों को निशाना बनाकर घाटी में दहशत का माहौल बनाना है। इतना ही नहीं, आतंकियों के मददगार रहे ओवरग्राउंड वर्कर अब वे सीधे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने लगे हैं।
विदेशी और हाइब्रिड आतंकी का गठजोड़ खतरनाक रूप ले रहा है। हालांकि, सुरक्षा बल इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए आश्वस्त हैं और उन्हें लग रहा है कि जल्द ही इनपर भी नकेल कसी जाएगी।
क्या होता है हाइब्रिड आतंकी?
हाइब्रिड आतंकी सामान्य आतंकी से अलग माने जाते हैं। यह सामान्य जिंदगी जीते हैं। घटना को अंजाम देने के बाद वे सामान्य जिंदगी में वापस चले जाते हैं। सुरक्षा एजेंसियों के लिए उन्हें ट्रैक करना और उनका पता लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि वे आम जनता के बीच रहते हैं। इसके खिलाफ पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड भी नहीं होता है।
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