• img-fluid

    JK: डीडीसी चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी, जानें-क्यों अहम हैं घाटी के ये नतीजे

  • December 23, 2020

    जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के परिणामों से जम्मू कश्मीर में विशेष रूप से कश्मीर घाटी में जो जश्न मनाया गया वह पिछले चुनावों से बहुत अलग था. पिछले चुनाव परिणाम यहां धांधली और आलोचना के रूप में जाने जाते थे. जम्मू कश्मीर में अब बदलाव साफ देखने को मिल रहा है. केंद्र शासित प्रदेश में मतदाताओं के विश्वास को पुन: हासिल करना भी बेहद अहम है. आठ चरणों में हुए इस चुनाव में निष्पक्षता के आगे विरोधी भी मुंह नहीं उठा रहे. एक वक्त था जब पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट मैच में भारत की हार पर कश्मीर की सड़कों पर जश्न मनाया जाता था

    डीडीसी चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी ने इसके उलट घाटी की तस्वीर पेश की. घाटी के चुनावों के परिणाम को पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (PAGD) ने भी बखूबी स्वीकार किया. इसका सीधा सा मतलब है कि सभी ज़मीनी स्तर पर लोकतंत्र की चाह रखते हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि निर्दलीय उम्मीदवारों का अच्छा प्रदर्शन जमीनी स्तर पर नए और युवा नेतृत्व की तरफ इशारा करता है. गुप्कर अलायंस की भागीदारी अनुच्छेद -370 के हटने के बाद इस चुनाव के लिए बेहद अहम थी. गठबंधन के दल बार-बार केंद्र के केंद्र के अनुच्छेद 370 हटाने के कदम का विरोध कर रहे थे. डीडीसी चुनावों के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जम्मू-कश्मीर के निर्वाचित स्थानीय प्रतिनिधि पहली बार भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेंगे.

    अधिकारी के मुताबिक परिणाम केंद्र शासित प्रदेश में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले पर मुहर है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि डीडीसी चुनावों को सही तरीके से कराए जाने के बाद अच्छी मतदाता भागीदारी से राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने के लिए उत्साह पैदा हुआ है. डीडीसी चुनावों में 2019 लोकसभा चुनावों के साथ-साथ पंचायत चुनावों की तुलना में कई कम मतदान वाले क्षेत्रों में उच्च भागीदारी देखी गई. मिसाल के तौर पर श्रीनगर में 35.3% वोट पड़े, 2019 लोकसभा चुनावों में यहां महज़ 7.9% फीसदी मतदान हुआ था. 2018 के पंचायत चुनावों में भी यहां 14.50 फीसदी वोट ही पड़े थे.

    सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इन चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. 2018 के पंचायत चुनाव में अवंतीपुरा में 0.4 फीसदी जबकि 2019 लोकसभा चुनावों में 3 फीसदी मतदान हुआ था, लेकिन इस बार यहां 9.9 फीसदी वोटिंग देखी गई. अनंतनाग में 24.9 फीसदी मतदान हुआ जबकि 2018 के लोकसभा चुनावों में यहां 9.3 फीसदी, जबकि 2019 लोकसभा चुनावों में यहां 13.8 फीसदी वोटिंग हुई थी. 370 हटने के बाद घाटी में पहली दफा हुए चुनाव के परिणाम हैरान करने वाले हैं.

    Share:

    ममता बनर्जी : पश्चिम बंगाल की "जानबूझ कर कमतर और निराशाजनक तस्वीर पेश करने की कोशिश"

    Wed Dec 23 , 2020
    कोलकाता: पश्चिम बंगाल की “जानबूझ कर कमतर और निराशाजनक तस्वीर पेश करने की कोशिश” को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि सभी विकास सूचकांकों पर राज्य ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. अमित शाह द्वारा पिछले हफ्ते अपने पश्चिम बंगाल दौरे के […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved