पटना । जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) का चुनाव (Election) कांग्रेस (Congress) और फारुख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) की नेशनल कॉन्फ्रेंस मिलकर लड़ेगी। कांग्रेस और नेकां के गठबंधन (Alliance) के बाद से बीजेपी (BJP) समेत एनडीए (NDA) के तमाम दल कांग्रेस पर हमलावर हैं। इस मामले पर केंद्रीय मंत्री और हम के संस्थापक जीतन मांझी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि ये गठबंधन पाकिस्तान परस्त है। और एनडीए इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस एससी-एसटी आरक्षण का भी विरोध करती है।
इससे पहले जीतन मांझी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि कश्मीर में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान और हिज़बुल के साथ भी गठबंधन कर सकती है।
कश्मीर में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान और हिज़बुल के साथ भी गठबंधन कर सकती है।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) August 26, 2024
जिसके बाद मीडिया से बातचीत के दौरान जीतन मांझी ने कहा कि फारुख अब्दुल्ला पाकिस्तान परस्त स्टेटमेंट देते हैं। वो धारा 370 का समर्थन करते हैं, एससी-एसटी आरक्षण का विरोध करते हैं। फारूख अब्दुल्ला की उसी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस का गठबंधन हो गया है। तो साफ है कि कांग्रेस का अलायंस कुछ मुद्दों पर हुआ होगा। और वो मुद्दे हैं 370 लाना चाहेंगे। या कश्मीर को पाकिस्तान में मिलानेका मुद्दा होगा। या आरक्षण खत्म करने की बात करेंगे। तो इस बात को एनडीए के लोग कैसे बर्दाश्त करेंगे। इसीलिए हमने ट्वीट किया है कि उन्होने पाकिस्तान परस्ती का काम किया है।
जीतन राम मांझी ने कहा कि बांग्लादेश की सरकार जब से बदली है। वहां के हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। पंडित जवाहर लाल नेहरू से कश्मीर मुद्दे पर गलती हुई। कश्मीर को उसी समय अगर पूर्ण रूप में अंगीकृत कर लिया जाता तो जो मसौदा अभी है वह नहीं होता। इंदिरा गांधी ने भी वैसे ही गलती की, बांग्लादेश को जीत कर 91 हजार फौज को सरेंडर करवाकर उसको अलग देश बनाने की क्या जरूरत थी? भारत में मिला लेते तो आज यह स्थिति नहीं होती।
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