ओटावा। जी-20 समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बहस के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने चालबाज ड्रैगन पर नकेल कसने के लिए एक नई हिंद-प्रशांत रणनीति तैयार की है। इसके तहत जलवायु परिवर्तन और व्यापार के मुद्दों पर चीन की दादागिरी को रोकने की कोशिश की जाएगी। 26 पन्नों के एक दस्तावेज में, कनाडा ने कहा कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ावा देगा और बौद्धिक संपदा की रक्षा के लिए निवेश नियमों को कड़ा करेगा। इसके अलावा चीनी राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों को महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति बंद करने से रोकेगा।
चीन की दादागिरी रोकने के लिए खुफिया और साइबर सुरक्षा में निवेश करेगा कनाडा
कनाडा की रणनीति में कहा गया है कि चीन एक तेजी से विघटनकारी वैश्विक शक्ति है जो कि दूसरे देशों के मामलों में हर समय टांग अड़ाता रहता है। अपने फायदे के लिए दूसरे देशों के साथ चालाकी से निपटने की कोशिश करता है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागिरी को रोकने के लिए कनाडा खुफिया और साइबर सुरक्षा के साथ-साथ एक क्षेत्रीय सैन्य उपस्थिति में निवेश करेगा। कनाडा ने कहा है कि गंभीर असहमति वाले क्षेत्रों में हम चीन को चुनौती देंगे।
कानून की समीक्षा करेगा कनाडा
दस्तावेज में चीन का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि कनाडा कानून की समीक्षा और अद्यतन करेगा ताकि चीन की विघटनकारी नीति पर ब्रेक लगाया जा सके। दस्तावेज में कहा गया है कि कनाडा हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी नौसैनिक उपस्थिति को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एलं खतरों को कम करने के के लिए और अधिक संसाधन का निवेश करेगा।
2018 से ही दोनों देशों के बीच तनाव
2018 के अंत में कनाडा की पुलिस द्वारा हुआवेई टेक्नोलॉजीज के कार्यकारी को हिरासत में लेने और बीजिंग द्वारा बाद में जासूसी के आरोप में दो कनाडाई लोगों को गिरफ्तार करने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। तीनों को पिछले साल रिहा कर दिया गया था, लेकिन संबंधों में खटास बनी हुई है।
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