गोविंदपुर। झारखंड (Jharkhand) के गोविंदपुर थाना क्षेत्र (Govindpur police station area) की आसनबनी 2 पंचायत अंतर्गत रंगडीह गांव (Rangdih village) में महालया की रात मां काली समेत कई अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं (Statues of Gods and Goddesses) को तोड़ दिया गया। तोड़ी गई मूर्तियों में भगवान गणेश, शिवलिंग, त्रिशूल आदि शामिल हैं। ये सभी प्रतिमाएं एक बरगद पेड़ के नीचे स्थापित हैं। मां काली की प्रतिमा (Maa Kali ancient statue) प्राचीन देवी काली के नाम से विख्यात है। घटना मंगलवार देर रात की है। इन प्रतिमाओं को ईंट और लोहा से प्रहार कर तोड़ी गई। ग्रामीणों की सूझबूझ से मामला सलट गया। इसकी जानकारी तब हुई, जब बुधवार सुबह प्रतिदिन की तरह प्रतिमा स्थल की सफाई करने नरेश चंद्र गोस्वामी प्रतिमा स्थल पहुंचे। प्रतिमा को खंडित देख तुरंत आसपास के लोगों को सूचना दी। जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए।
इस घटना की सूचना पाकर गोविंदपुर पुलिस इंस्पेक्टर रुस्तम अली दलबल के साथ पहुंचे और मामले की छानबीन शुरू कर दी। कुछ देर बाद ही पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय-2 संदीप गुप्ता व गोविंदपुर के पूर्व इंस्पेक्टर एवं वर्तमान में निरसा के सर्किल इंस्पेक्टर रविकांत प्रसाद भी घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों से बातचीत की। मूर्ति तोड़े जाने के बाद भी ग्रामीणों ने धैर्य का परिचय दिया। हरिलाजोड़ी मंदिर के संचालक लक्ष्मी नारायण पुरी, समाजसेवी बलराम अग्रवाल, मुखिया गयासुद्दीन अंसारी, भाजपा नेत्री तारा देवी, धर्मजीत सिंह, विधायक प्रतिनिधि कुमार महतो, संतलाल प्रमाणिक, निताई रजवार आदि घटनास्थल पर पहुंचे। सभी ने घटना की निंदा की और पुलिस से प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।
इस मामले को लेकर पुलिस इंस्पेक्टर रुस्तम अली ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि पुलिस इस कांड का उदभेदन कर दोषी को गिरफ्तार कर जेल भेजेगी। घटनास्थल पर ही मंदिर निर्माण के लिए 15 सदस्यीय समिति गठित कर दी गई। इसमें लक्ष्मी नारायण पुरी, पुलिस इंस्पेक्टर रुस्तम अली, निरसा के सर्किल इंस्पेक्टर रविकांत प्रसाद, बलराम अग्रवाल, मुखिया गयासुद्दीन अंसारी, सुभाष गिरि, अजय गिरि, तारा देवी, धर्मजीत सिंह, प्रदीप गिरि, नरेश गोस्वामी, सूदन चंद्र आदि शामिल हैं।
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