रांची । झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने राज्य में शिक्षक नियुक्ति परीक्षा-2016′ की मेरिट लिस्ट पर (On the merit list of Teacher Appointment Examination – 2016 in the State) झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन से (From JSSC) जवाब मांगा (Seeks Reply) । कोर्ट ने कमीशन को सभी विषयों और सभी कोटियों के अभ्यर्थियों के कट ऑफ मार्क्स के बारे में पूरा ब्योरा टेबल-चार्ट में पेश करने को कहा है। कमीशन को यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि मेरिट लिस्ट के आधार पर कितने अभ्यर्थियों की कब-कब नियुक्ति हुई है।
इस मामले में मीना कुमारी एवं अन्य की याचिकाओं पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान अभ्यर्थियों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि निर्धारित कट ऑफ से कम मार्क्स लाने वाले कई लोगों को नियुक्त कर लिया गया है। दूसरी तरफ राज्य सरकार एवं जेएसएससी की ओर से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए सभी 26 विषयों में नियुक्त किए गए शिक्षकों की मेरिट लिस्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी।
जस्टिस दीपक रोशन की बेंच ने इस मामले में 5 सितंबर को सुनवाई करते हुए कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किए जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर की थी और जेएसएससी के चेयरमैन को हाजिर होने का आदेश दिया था। कोर्ट के सख्त रुख के बाद कमीशन ने उसी दिन चार घंटे के भीतर मेरिट लिस्ट जारी कर दी थी। राज्य के हाईस्कूलों में शिक्षकों के 17,786 रिक्त पदों पर नियुक्ति का यह विवाद पूर्व में सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। सोनी कुमारी नामक अभ्यर्थी की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2016 के नियुक्ति विज्ञापन के आधार पर राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट बनाकर शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था।
इसी आदेश का हवाला देते हुए मीना कुमारी एवं अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2016 में जो हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति का विज्ञापन निकला था, उसके आलोक में उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने कटऑफ से ज्यादा मार्क्स लाया है। अगर शिक्षकों की रिक्तियां बची हैं तो राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के अनुसार उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए।
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