रांची । झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से (From Reserve Bank of India) झारखंड में (In Jharkhand) साइबर फ्रॉड रोकने के लिए (To Stop Cyber Fraud) प्लान मांगा है (Asked Plan) । कोर्ट ने कहा है कि आरबीआई एक माह के अंदर इस संबंध में प्रपोजल पेश करे, ताकि राज्य की सरकार को इसके लिए समुचित कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जा सके।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि राज्य में साइबर फ्रॉड की घटनाएं रुक नहीं पा रही हैं। ऐसे में इसे लेकर एक ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
जनहित याचिका मनोज कुमार राय नामक शख्स ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि झारखंड के देवघर, जामताड़ा और साहिबगंज में साइबर अपराधी सक्रिय हैं। इनके द्वारा बड़े पैमाने पर साइबर क्राइम की घटनाएं को अंजाम दिया जाता है। यहां के साइबर क्रिमिनल्स झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों के लोगों के भी बैंक अकाउंट से पैसे उड़ा रहे हैं।
पुलिस का साइबर सेल है, लेकिन यह खास एक्टिव नहीं है। ऐसे में साइबर अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूर्व में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को प्रतिवादी बनाते हुए साइबर फ्रॉड पर रोक के लिए किए जा रहे उपायों पर जवाब मांगा था।
इस मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया, जिसमें मोबाइल बैंकिंग फ्रॉड से संबंधित नियम, रेगुलेशन एवं दिशा- निर्देश कोर्ट के समक्ष पेश किए गए। आरबीआई की ओर से यह भी बताया है कि वह साइबर फ्रॉड रोकने को लेकर राज्य सरकार को दिशा- निर्देश जारी नहीं कर सकती है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को निर्धारित की है।
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