गोड्डा. झारखंड (jharkhand) के गोड्डा (godda) से चुनावी मैदान में उतारे गए AIMIM उम्मीदवार (candidate) ने अपना नाम वापस ले लिया है. उन्होंने मतदान से पहले ही मैदान छोड़ दिया (left the field even before voting) है. इस सीट पर AIMIM के उम्मीदवार उतारे जाने से कांग्रेस (congress) उम्मीदवार की मुश्किलें बढ़ गई थी. लिहाजा अब गोड्डा सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी.
एआईएमआईएम के उम्मीदवार के नाम वापस लेने से कांग्रेस के वोट में सेंधमारी की संभावना भी कम हुई है. दरअसल, इस सीट से बीजेपी ने सिटिंग सांसद को ही अपना उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने कहा था कि उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रदीप यादव से नहीं है. उन्होंने यह भी कहा था की उनकी सीधी टक्कर एआईएमआईएम के उम्मीदवार से है.
अब जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया है, इस सीट पर सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होगा. बीजेपी उम्मीदवार निशिकांत दुबे अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. उन्होंने नामांकन करने के बाद अपने एक बयान में कहा था कि उन्हें चुनाव प्रचार तक करने की जरूरत नहीं है. उनके क्षेत्र की जनता वैसे ही जितवा देगी, लेकिन अब वो जनसंपर्क करते देखे जा रहे हैं.
गोड्डा सीट पर बीजेपी का दबदबा
बीजेपी के निशिकांत दुबे का दावा था कि वह इस सीट को आसानी से जीत लेंगे. चर्चाओं के मुताबिक, एआईएमआईएम के प्रत्याशी के इस कदम (नाम वापस लेने) के पीछे व्यक्तिगत कारण हैं. इससे सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी पार्टियां अब सीधी टक्कर में आ गई हैं. हालांकि निशिकांत दुबे गोड्डा से लगातार 2009 के बाद बीजेपी के टिकट से चुनाव जीत रहे हैं. 2014 और 2019 में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी.
गोड्डा लोकसभा सीट का समीकरण
गोड्डा लोकसभा सीट पर पिछड़ी जातियों और मुस्लिम समाज का दबदबा है. इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी 11 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति की आबादी 12 फीसदी है. पिछड़ी जातियों की गोलबंदी की वजह से बीजेपी का यहां अच्छा प्रदर्शन रहता है. इस सीट पर 15.9 लाख मतदाता हैं, जिसमें 8.25 लाख पुरुष और 7.64 लाख महिला मतदाता हैं. गोड्डा सीट पर 1 जून को सातवें चरण में मतदान होगा.
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