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झा साब बने सहारा का सहारा, विकास वर्मा गए लल्लनटॉप, शुभम पहुंचे टीवी 9

January 23, 2023

न मंजिलों को न हम रहगुजऱ को देखते हैं
अजब सफऱ है कि बस हम-सफऱ को देखते हैं।

आज हमारे उन सहाफियों (पत्रकारों) का जि़क्र करेंगे जिन्होंने नए मीडिया इदारों को ज्वाइन किया है। सबसे पेले सीनियर सहाफी कृष्णमोहन झा साब के बारे में जान लीजिए। झा साब ने मुल्क के सबसे जपाट (बड़े) टीवी न्यूज नेटवर्क सहारा समय के एमपी न्यूज़ हेड की जि़म्मेदारी संभाल ली है। अपनी चौथाई सदी से ज़्यादा की सहाफत में जनसत्ता, देशबन्धु सहित कई रोजनामचों और न्यूज़ चैनल्स में रहे। कृष्णमोहन झा भेतरीन टाइप के सियासी तज़बियाकार, मुसन्निफ़ (लेखक) और कालमनिगार भी हैं। इनकी सहाफी सलाहियतों का फायदा एमपी विधानसभा की शोध पत्रिका विधायिनी सहित मुल्क के सैकड़ों अखबार और रिसाले उठाते रहे हैं। आप डिजियाना में 5 बरस तक एडिटर इन चीफ के ओहदे पे भी रहे। गुजिश्ता दिनों आपको सहारा न्यूज़ के राष्ट्रीय प्रमुख राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में इन्होंने स्टेट हेड की कुर्सी संभाली। उधर भोपाल के नोजवान सहाफी और आज की डिजिटल सहाफत में वीडियो कॉन्टेंट के एक्सपर्ट विकास वर्मा ने भास्कर डिजिटल को अलविदा के दिया।



भोत अच्छे माहौल में विकास को उनके साथियों ने विदा करा। भाई ने मुल्क के भोत चर्चित डिजिटल प्लेटफॉर्म लल्लनटॉप में बतौर वीडियो कॉन्टेंट प्रोड्यूसर आमद दी है। लल्लनटॉप इंडिया टुडे ग्रुप का वेंचर है। नए ठिये पे ज्वाइनिंग की खबर भी इंन्ने वीडियो मेसेज के जरिये दी। विकास ने डीबी डिजिटल से इस्तीफे के एलान भी अनोखे अंदाज में करा। इंन्ने अपने इस्तीफे की खबर की खुद रिकार्डिंग करके सोशल मिडिया पे डाला। भोपाल के एक और नोजवान सहाफी शुभम गुप्ता ने हाल ही में टीवी-9 में एमपी/सीजी के ब्यूरोचीफ की कुर्सी संभाल ली है। खरगोन जैसे क़स्बे नुमा जि़ले से निकल के शुभम ने दिल्ली आजतक में भी काम किया। इसके बाद न्यूज़ नेशन में पांच साल उम्दा पारी खेली। 8 साल की सहाफत में ब्यूरोचीफ के ओहदे तक कम ही पत्रकार पहुंचे हैं। उधर प्रवीण दुबे साब के लांच जोन वाले न्यूज़ चैनल के लिए इंटरव्यू का बड़ा दौर पूरा हो चुका है। चार छे दिनों में इस चेनल में बहुत से नए पुराने चेहरे नुमायां होंगे।

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सासन कंपनी पर 550 करोड़ से अधिक की रकम बकाया

Mon Jan 23 , 2023
भोपाल। रिलायंस सासन पॉवर व कोल माइंस पर जिले के कुल पांच विभागों का साढ़े 5 सौ करोड़ से अधिक का बकाया है, जिसे कई बार की नोटिस के बावजूद जमा नहीं किया जा रहा है। संबंधित विभाग बकाया के भुगतान में लगे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है। कुछ विभाग के मामले शासन […]
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