इंदौर। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) मेें और हाल ही में हुए अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव (By-election held on Amarwara assembly seat) की हार के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी (Congress State President Jitu Patwari) की कार्यशैली पर उनकी ही पार्टी नेता सवाल उठाने लगे है। उनके गृहक्षेत्र इंदौर से ही इसकी शुरुआत हुई है। पूर्व व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौरडि़या ने पटवारी पर भाजपा से सांठ-गांठ के खुलकर अारोप लगाए है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अनुशासनहिनता का नोटिस देेकर जवाब मांगा है। उन्होंनेे जवाब में पटवारी के खिलाफ सबूत होने की बात भी कही है।
उधर इंदौर के पूर्व पर्यवेक्षक निमिष शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि इंदौर में कुछ फूलछाप कांग्रेस नेता है। जिन्होंने मुझे पद से हटवा दिया। वे लोग जीतू पटवारी को भी कमजोर करने की साजिश रच रहे है।
लोकसभा चुनाव मेें मध्य प्रदेेश में 29 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की करारी हार से कई नेता नाराज है। खासकर कमल नाथ व दूसरे गुट से जुड़े नेता इसके लिए पटवारी को जिम्मेदार मान रहे है। पहले कुछ नेता दबी जुबान से बोलते थे, लेकिन अब खुलकर बोलने लगे है। व्यापारी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चौरडि़या का कहना है कि वे अपनी बात पर कायम है।मैने जो भी कहा है कांग्रेस की बेहतरी के लिए कहा है। मैने नोटिस का जवाब दे दिया है।
उधर कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता आमीनुल खान सूरी ने पिछले दिनों प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के कांग्रेस कार्यालय आने पर आपत्ति ली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेेस अध्यक्ष के गृहक्षेत्र के कांग्रेस कार्यालय मेें कुछ नेता विजयवर्गीय की आवभगत में जुटे रहे, जबकि उनसे यह सवाल पूछना चाहिए था कि लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार पर दबाव बनाकर नामांकन फार्म वापस करवा कर इंदौर मेें लोकतंत्र की हत्या क्यों की।
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