नई दिल्ली। कोरोना काल में जेईई-नीट परीक्षा को लेकर जारी बवाल थमता नजर नहीं आ रहा। एक और जहां छात्र कोरोना संक्रमण को लेकर डरे हुए हैं और परीक्षा टालने के लिए आंदोलन कर रहे हैं, वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है। सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के साथ ऑनलाइन ‘स्पीकअप फॉर स्टूडेंट सेफ्टी’ अभियान भी चलाया हुआ है, जिसमें राजनेताओं के साथ आमजन की सहभागिता भी काफी हो रही है।
इऩ सबके बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी जेईई-नीट परीक्षा के आयोजन की वजह से छात्रों-युवाओं को किसी प्रकार के नुकसान को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। उऩ्होंने कहा कि केंद्र को छात्रों के मन की बात को सुनते-समझते हुए फैसला लेना चाहिए। कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी वीडियो संदेश में सोनिया गांधी ने कहा है कि ‘स्टूडेंट हमारा भविष्य हैं। एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए हम उन पर निर्भर हैं। इसलिए यदि उनके भविष्य के बारे में कोई भी निर्णय लिया जाना है तो वो उनकी सहमति से लिया जाना चाहिए।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि मोदी सरकार छात्रों की बातों को सुनेगी और उसके अनुसार काम करेगी।
कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी परीक्षा आयोजन को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। उऩ्होंने कहा कि जेईई-नीट परीक्षाओं के जरिए 25 लाख छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है। उन्होंने पूछा कि आखिर मोदी सरकार अपनी जिद के आगे छात्रो की शिकायतों को सुनने, उनपर विचार करने और स्वीकार्य समाधान खोजने से इनकार क्यों कर रही है? उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार इस बात की गारंटी देगी कि परीक्षा के दौरान कोई भी छात्र कोरोना संक्रमण से ग्रस्त नहीं होगा? सुरजेवाला ने यह भी कहा कि अगर सरकार जिद पर है तो उसे सुरक्षा-सावधानियों तथा प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए, जिससे छात्र आश्वस्त हो सकें। (एजेंसी, हि.स.)
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