नई दिल्ली। वक्फ बिल (Wakf Bill) का जेडीयू (JDU) ने लोकसभा (Lok Sabha) में खुलकर समर्थन किया है। केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह (Union Panchayati Raj Minister Lallan Singh.) ने जेडीयू की ओर से बोलते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) वही करते हैं, जो सही होता है। उन्होंने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए बिल पेश किया है। इसका समर्थन होना चाहिए। ललन सिंह ने कहा कि पूरे देश का माहौल यह कहकर खराब किया जा रहा है कि यह बिल मुस्लिम विरोधी है। यह बिल कहीं से भी मुसलमान विरोधी नहीं है। वक्फ तो एक ट्रस्ट है, जो मुस्लिमों के हितों के लिए काम करता है। वक्फ में यह व्यवस्था होनी चाहिए कि वह मुस्लिमों के सभी वर्गों के साथ न्याय करे, जो नहीं हो रहा है। वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं है बल्कि प्रशासनिक निकाय है, जो मुस्लिमों के लिए काम करती है। आप मोदी जी को कोस रहे हैं।
राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि यदि आपको नरेंद्र मोदी का चेहरा पसंद नहीं है तो उनकी तरफ ना देखें बल्कि उनके कामों की बात करें। आप लोगों ने 2013 में जो पाप किया था, उसे मोदी जी ने खत्म किया है। आप के पाप को मोदी जी ने खत्म किया है। वक्फ को कुछ लोगों के चंगुल से निकाला है और उसमें आम मुसलमानों की भागीदारी को बढ़ाने का प्रयास किया है। वक्फ के कामकाज में तो सरकार ने कोई दखल नहीं दिया है। उन्होंने कहा, ‘आप यह नैरेटिव बना रहे हैं कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ है। लेकिन यह भी बताएं कि वक्फ बोर्ड में क्या कोई पसमांदा मुसलमान है। उनकी इतनी बड़ी आबादी है, लेकिन कोई भी उनका प्रतिनिधि वक्फ बोर्ड में नहीं है।’
ललन सिंह ने कहा कि सेकुलरिज्म की आपकी परिभाषा है कि समाज को वोट के लिए बांटो। हमारी परिभाषा है कि बिना कोई विवाद किए समाज के हर वर्ग के लिए काम करो। बिहार में नीतीश कुमार 20 साल से मुख्यमंत्री हैं। नीतीश कुमार ने 20 सालों में मुसलमानों के लिए जो काम किया, आजादी के बाद से अब तक किसी ने नहीं किया। भागलपुर का दंगा आप लोगों के राज में हुआ था, लेकिन उन्हें न्याय नीतीश कुमार की सरकार में मिला। उन्होंने पूरे बिहार में कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी थी। लेकिन नीतीश कुमार ने कभी वोट के लिए राजनीति नहीं की, फिर भी उन्होंने मुसलमानों के लिए खूब काम किए। इन कामों में भाजपा ने भी साथ दिया। वक्फ संशोधन बिल के माध्यम से पसमांदा मुसलमानों के लिए न्याय की तैयारी है।
जेडीयू नेता ने कहा कि मुसलमानों में भी सबसे निचले तबके के लोगों को न्याय देने का काम हो रहा है तो आप हल्ला मचा रहे हैं। इस देश के मुसलमान कल नरेंद्र मोदी के साथ खड़े होंगे कि इनके शासनकाल में हमें न्याय मिला। ये लोग महिलाओं की बात करते हैं, लेकिन क्या मुसलमानों में महिलाएं नहीं हैं। आज यदि उन महिलाओं को वक्फ के साथ जोड़ा जा रहा है तो आपको क्या परेशानी है। उनके सशक्तीकरण का काम मोदी सरकार ने किया है और आप मुस्लिम विरोधी का नैरेटिव गढ़ रहे हैं। बिहार में जैसे नीतीश ने सेकुलरिज्म को स्थापित किया है, वैसे ही पूरे देश में नरेंद्र मोदी सेकुलरिज्म की नई परिभाषा गढ़ने में जुटे हैं। उनका विजन और सोच व्यापक है।
ललन सिंह ने कहा कि रेवेन्यू रिकॉर्ड का अधिकारी डीएम होता है। यदि उसे वक्फ में जगह दी जा रही है तो इसमें क्या गलत है। आम मुसलमान भी डीएम के पास ही विवाद के लिए जाता है। इसमें क्या गलत है। वक्फ आखिर डीएम के पास क्यों नहीं जाएगा। अब यह प्रस्ताव सरकार लाई है तो उसका स्वागत होना चाहिए। अब यह व्यवस्था रहेगी कि किसी विवाद की स्थिति में वक्फ बोर्ड भी डीएम के पास जाएगा। उससे जुड़े मामलों पर ऊपरी अदालतें भी फैसला दे सकेंगी। अब तक उसकी राय को ही अंतिम मान लिया
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