पटना। सियासी गलियारों में यह चर्चा इन दिनों गर्म है केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू (JDU) ने भी हिस्सेदारी मांगी है। पटना में आरसीपी (Ramchandra Prasad) ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू को भी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। आरसीपी सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा हमने भी सुनी है। जब भी विस्तार हो जदयू भी एनडीए गठबंधन का सहयोगी है, मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी मिलनी ही चाहिए।
उन्होंने कहा कि गठबंधन में एक दूसरे को मान सम्मान मिलना ही चाहिए। एनडीए (NDA) के जितने भी घटक दल हैं, उनकी हिस्सेदारी होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा चल रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में बदलाव संभव है। ऐसे में बिहार से जदयू ने भी अपनी हिस्सेदारी जाहिर कर दी है।
अभी एनडीए गठबंधन में जदयू के 16 सांसद हैं। पिछली बार कैबिनेट विस्तार के समय जदयू के शामिल होने की चर्चा थी, मगर अंत में बात नहीं बनी। कहा जाता है कि उस समय आरसीपी सिंह के मंत्री बनने की बात थी, मगर ऐसा नहीं हुआ। इधर, बिहार एनडीए में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। गठबंधन के साथी भाजपा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) इशारों-इशारों में एक दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री कर रहे हैं मंत्रियों के काम की समीक्षा
गौरतलब है कि सियासी गलियारों में यह चर्चा इन दिनों गर्म है कि संसद के मानसून सत्र के पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्ता हो सकता है और इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं। इसी के चलते अब जेडीयू भी सक्रिय हो गई है और अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू को भी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।
मांझी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से की बात
शुक्रवार को हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी (Jeetanram Manjhi) की राजद विधायक तेजप्रताप (Tej pratap) यादव से मुलाकात हुई थी। इस दौरान तेजप्रताप ने कहा था कि अगर मांझी महागठबंधन में आना चाहें तो उनका स्वागत है। वहीं मांझी ने गठबंधन से बाहर होने की सभी अटकलों को विराम लगा दिया था। इसबीच मांझी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से टेलीफोन पर हुई 12 मिनट की बातचीत ने बिहार की सियासत में काफी हलचल मचा दी है। 243 सीटों वाली विधानसभा में 127 विधायकों के समर्थन के बूते अल्प बहुमत से सरकार चला रही नीतीश सरकार के लिए यह खतरे का संकेत माना जा रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved