नई दिल्ली: कर्नाटक के जेडीएस नेता एचडी रेवन्ना को पीआरसी (Public Representative Court) कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने किडनैपिंग केस में उन्हें सशर्त जमानत दे दी है. उन्हें पांच लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत मिली है. कोर्ट में उन्हें दो निजी जमानती भी पेश करने पड़े. सोमवार को पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट ने अपहरण के मामले में सशर्त जमानत देते हुए निर्देश दिया है कि उन्हें एसआईटी की जांच में सहयोग करना चाहिए और सबूतों को मिटाने या छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. साथ उन्हें दो जमानती पेश करने के साथ-साथ 5 लाख रुपये का बॉन्ड भी भरना होगा.
कोर्ट में एचडी रेवन्ना के वकील सीवी नागेश ने दावा किया था, “वह (पीड़िता) 10 वर्षों से अधिक समय से मेरी (एचडी रेवन्ना की) नौकरानी और रसोइया रही है. उसे घर आने का संदेश भेजना अपहरण नहीं है. वह केवल नौकरानी या रसोइया नहीं है. वह मेरी रिश्तेदार भी है.” सीवी नागेश ने कोर्ट में तर्क दिया था कि रेवन्ना के मामले में 364ए के बुनियादी आवश्यक तत्व मौजूद हैं. उनका कहना है कि धन या शक्ति का इस्तेमाल करके कोई धमकी नहीं दी गई थी. उन्होंने कहा कि इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है.
वहीं, पीआरसी कोर्ट से एचडी रेवन्ना को जमानत मिलने के बाद उनके समर्थक और जेडीएस कार्यकर्ता जश्न मनाते हुए खुशी जाहिर कर रहे हैं. रेवन्ना को जमानत मिलने के बाद उनके समर्थक पटाखे फोड़ कर खुशी जाहिर कर रहे हैं. 2 मई को राजू एचडी नामक एक शख्स ने केआर नगर पुलिस स्टेशन में अपहरण का केस दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में उसने कहा था कि उसकी मां छह साल से एचडी रेवन्ना के घर और फार्महाउस में काम कर रही थीं, लेकिन तीन साल पहले वो लोग काम छोड़कर अपने गांव में मजदूरी करने लगे. कुछ दिन पहले उसका एक परिचित सतीश आया और उसकी मां को लेकर चला गया. कुछ दिन वापस भी ले आया.
इसके बाद 29 अप्रैल की रात करीब 9 बजे सतीश फिर उसके घर आया. उसकी मां को यह कहते हुए जबरदस्ती ले गया कि रेवन्ना ने उसे लाने को कहा है. क्योंकि पुलिस उनको खोज रही है. 1 मई को उसका एक दोस्त उसके पास आया और बताया कि उसकी मां का एक वीडियो वायरल हो रहा है. उसमें उसकी मां का यौन उत्पीड़न किया जा रहा है. इसके बाद उसने सतीश को कॉल करके मां को भेजने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं आई.
इस मामले में 701 महिलाओं ने राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखकर प्रज्वल और एचडी रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. यह अभियान गूगल फॉर्म के जरिए चलाया गया. पत्र लिखने वाली महिलाओं ने इस मामले में एनसीडब्ल्यू की कमजोर प्रतिक्रिया पर सवाल उठाया है. हालांकि, बाद में NCW ने दावा किया की. उसने महिलाओं शिकायत करने के लिए बुलाया था. पर 700 में से एक भी महिला शिकायत के लिए आगे नहीं आई.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved