नई दिल्ली: राज्यसभा की 57 सीटों पर अगले महीने चुनाव होना है, जिसकी अधिसूचना अगले सप्ताह जारी होने की संभावना है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार राज्यसभा में नए और पुराने उम्मीदवारों का मिश्रण होने वाला है, जिसके लिए चुनाव 10 जून को होंगे. नए उम्मीदवारों में राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी के नाम की संभावना भी जतायी जा रही है.
इस बात की जानकारी सपा-रालोद गठबंधन के साथी अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के नेताओं ने दी है. रालोद के एक प्रवक्ता के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने लिखा है, ‘वह एक-दो दिन में लखनऊ जा रहे हैं, जहां वह अखिलेश से मिलेंगे. बता दें कि समाजवादी पार्टी इस सप्ताह के अंत में अपने विधायकों और परिषद के सदस्यों की एक बैठक आयोजित करने वाली है.
सपा प्रवक्ता ने कहा, ‘आप कह सकते हैं कि जयंत चौधरी के नामांकन की प्रबल संभावना है. वहीं कांग्रेस में परिवर्तन चाहने वाले कपिल सिब्बल एक और कार्यकाल के लिए राज्यसभा में वापस आएंगे या नहीं, यह अभी अनिश्चित है. अपने अंतिम कार्यकाल में उन्हें समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त था. उनके कई सपा नेताओं के साथ मधुर संबंध हैं. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने जेल में बंद सपा नेता आजम खान का प्रतिनिधित्व किया. कपिल सिब्बल ने 2017 में सपा के अस्तित्व में उथल-पुथल के दौरान अखिलेश यादव को पार्टी का साइकिल चिन्ह बनाए रखने में मदद की.
सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी ने अभी तक उम्मीदवारों के बारे में फैसला नहीं किया है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक राज्यसभा चुनावों पर कुछ भी नहीं बताया है, हाईकमान ही फैसला करेगा. 2016 में सपा ने सिब्बल की उम्मीदवारी का समर्थन किया था. हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है और कुछ भी नहीं हो रहा है.
सिब्बल ने कहा, ‘मैं केवल गरीबों को उनका अधिकार दिलाने में मदद करने में दिलचस्पी रखता हूं. यूपी में दो विधायकों वाली कांग्रेस अपने दम पर उम्मीदवार उतारने की स्थिति में नहीं है. लेकिन, सिब्बल के पूर्व सहयोगी और अब भारतीय जनता पार्टी के नेता आरपीएन सिंह उन आठ लोगों में शामिल हो सकते हैं, जिन्हें भाजपा राज्य से उच्च सदन में भेजेगी. संपर्क करने पर आरपीएन सिंह ने कहा कि इस बारे में मुझसे किसी ने कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्हें राज्य के शीर्ष दावेदारों में से एक माना जाता है.’
रिपोर्ट के मुताबिक यूपी विधानसभा चुनाव में आरपीएन सिंह के कारण ही गोरखपुर मंडल में भाजपा को अच्छा परिणाम मिला, हालांकि अभी कुछ भी निश्चित नहीं है, वह अभी पसंदीदा हैं. इस बीच, कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव के इस दौर में 57 में से आठ सीटें मिलने की उम्मीद हैं. पार्टी को राजस्थान में तीन, छत्तीसगढ़ में दो और तमिलनाडु, झारखंड और महाराष्ट्र में एक-एक सीट की उम्मीद है.
हालांकि, पार्टी की ओर से दावेदार कई हैं. वहीं नामांकन पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन संभावना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और जयराम रमेश उच्च सदन में लौट सकते हैं. इसके अलावा कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की है और उनसे राज्य की दो राज्यसभा सीटों में से एक पर अपने उम्मीदवार का समर्थन करने का अनुरोध किया है.
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