मुंबई। जब भी हिंदी सिनेमा की लव स्टोरी के बारे में बात की जाएगी, अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan ) और रेखा (Rekha) का नाम सबसे पहले आएगा। दोनों ने ‘दो अनजाने’ (do anajaane ), ‘मिस्टर नटवरलाल'(mister natavaralaal), ‘सिलसिला'(silasila), ‘दो अनजाने'( do anajaane), ‘नमक हराम'(namak haraam), ‘मुकद्दर का सिकंदर’ (mukaddar ka sikandar) जैसी फिल्मों में साथ काम किया है। एक दौर था जब कोई ऐसा अखबार या मैगजीन नहीं थी जिसमें दोनों के अफेयर के किस्से न छपते हों। लेकिन अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan ) और रेखा (Rekha) ने कभी इस रिश्ते पर बात नहीं की। रेखा से अमिताभ का लिंकअप जया भादुड़ी से शादी के बाद हुआ था। 1973 में जया से शादी के कुछ सालों बाद ही रेखा और अमिताभ के अफेयर की खबरें छपने लगी थीं।
अमिताभ और रेखा के अफेयर की खबरें सुन उन दिनों जया काफी परेशान रहने लगीं थीं। वह चाहती थी कि किसी तरह उनका हंसता खेलता परिवार बच जाए वहीं दूसरी तरफ शादीशुदा आदमी से प्यार करने के अपराध के कारण रेखा विलेन बन गई थीं। फिर एक रात कुछ ऐसा हुआ कि रेखा अमिताभ की जिंदगी से हमेशा-हमेशा के लिए दूर हो गईं।
एक दिन जब अमिताभ किसी शूटिंग के सिलसिले में मुंबई से बाहर थे। उस दिन जया ने रेखा को फोन किया। जया का फोन उठाते हुए रेखा सोच रही थीं कि जया भला-बुरा सुनाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जया ने फोन करके रेखा को अपने घर डिनर पर बुलाया। रेखा सोच में पड़ गईं, उनके साथ वो हो रहा था जिसकी उन्होंने कभी उम्मीद ही नहीं की थी।
रेखा जब डिनर के लिए जया के घर पहुंचीं तो जया ने उनका अच्छे से स्वागत किया। जया ने रेखा से ढेर सारी बातचीत की। लेकिन इस बातचीत में अमिताभ का जिक्र बिलकुल नहीं था। डिनर के बाद जब रेखा घर लौटने लगीं तो उन्हें विदा करते हुए जया ने एक खास बात कही जिसे सुनकर रेखा के पैरों तले जमीन खिसक गई। जया ने दरवाजे पर रेखा से कहा ‘चाहे कुछ भी हो जाए, मैं अमित को नहीं छोड़ूंगी’।
अगले दिन मीडिया में जया के डिनर और रेखा पर खूब किस्से चले लेकिन न तो जया ने कुछ कहा और न ही रेखा ने मुंह खोला। जाहिर है रेखा को लेकर अमिताभ और जया के बीच में कुछ ऐसा तो जरूर हुआ था जिसने अमिताभ को ऐसा फैसला लेने पर मजबूर कर दिया कि वो कभी रेखा के साथ काम ही नहीं कर पाए। ‘सिलसिला’ अमिताभ और रेखा की साथ में आई आखिरी फिल्म थी। दोनों के बीच अब इतनी दूरियां आ चुकी हैं कि अगर असल जिंदगी में कभी वो एक-दूसरे से टकरा भी जाते हैं तो नजरें चुराकर निकल जाते हैं, लेकिन दिल ही दिल दोनों आज भी एक-दूसरे की इज्जत करते हैं।
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