मुंबई (Mumbai) । जावेद अख्तर (Javed Akhtar) जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (Jaipur Literature Festival) में हिस्सा लेने पहुंचे। उनके साथ शबाना आजमी भी थीं। लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान जावेद अख्तर ने साहित्य से लेकर कला और बॉलीवुड (Bollywood) पर बात की। इन दिनों जब बायकॉट बॉलीवुड (Boycott Bollywood) का ट्रेंड देखा जा रहा है तो जावेद अख्तर ने इस पर राय दी। उन्होंने कहा कि कहानियां और फिल्में हमारे डीएनए में हैं। उसे अलग नहीं किया जा सकता। जावेद अख्तर कहते हैं कि भारतीय सिनेमा का सम्मान किया जाना चाहिए। दुनियाभर में इसकी अलग पहचान है।
‘फिल्में हमारे डीएनए में‘
एक सवाल के जवाब में जावेद अख्तर ने कहा, ‘इससे होना नहीं है कुछ, आज की दुनिया में ऐसी कोई सोसाइटी हो सकती है क्या, खासकर हमारे मुल्क में, हमें फिल्मों से प्यार है चाहे वो नॉर्थ हो, साउथ हो, वेस्ट हो, चाहे कोई हो, हम फिल्मों से मोहब्बत करते हैं। हमारे डीएनए में कहानी है, कहानी सुनना और सुनाना। और हमारी कहानियों में गीत भी हमेशा से होते थे। इसकी खोज कोई हिंदी फिल्मों ने नहीं की है।‘
‘हमारे स्टार्स की पहचान ज्यादा‘
‘भारतीय फिल्मों की इज्जत करिए आप। हमारी फिल्में आज औसत 135 देशों में रिलीज होती हैं। भारतीय सिनेमा दुनियाभर में सद्भावना के अंबेसडर के रूप में देखी जाती हैं। हमारे सितारों की गिनती करें तो हॉलीवुड से ज्यादा हमारे स्टार्स को दुनिया में पहचाना जाता है। वो ठीक है कि वो अमीर मुल्क हैं तो उनके हर चीज का बजट ज्यादा है। आप जर्मनी जाइए वहां पहला सवाल यही होता है- आप शाहरुख को जानते हैं? हमारी फिल्में दुनियाभर में एक संदेश दे रही हैं। यही ताकत है।‘
बिकिनी सीन पर आपत्ति
बता दें कि ‘पठान‘ के ‘बेशरम रंग‘ गाने को लेकर जमकर विवाद छिड़ा। हिंदू संगठनों ने दीपिका पादुकोण की बिकिनी के रंग को लेकर आपत्ति जताई। रिपोर्ट है कि सेंसर बोर्ड ने उसके बादा मेकर्स को कुछ सीन्स हटाने की सलाह दी थी। बताया जा रहा है कि फिल्म के 10 सीन्स काट दिए गए हैं उसके बाद फिल्म को सर्टिफिकेट मिला है।
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