नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा (Japanese Prime Minister Fumio Kishida) के बीच भारत-जापान 14वीं शिखरवार्ता के दौरान दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में 6 समझौतों (6 agreements in various fields including economic cooperation) पर हस्ताक्षर किए तथा जापान ने अगले पांच वर्षों के दौरान भारत में पांच ट्रिलियन येन (जापानी मुद्रा) यानी 3.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की। जापान का यह निवेश दोनों देशों के बीच वर्ष 2014 में बनी व्यापार प्रोत्साहन साझेदारी की अगली कड़ी है।
शिखरवार्ता के दौरान मोदी और किशिदा ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और यूक्रेन व हिन्द प्रशांत सहित अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। मोदी ने यूक्रेन के घटनाक्रम पर सीधी टिप्पणी नहीं की जबकि जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी देश को शक्ति प्रयोग के जरिए एकतरफा बदलाव की अनुमति नहीं दी जा सकती। किशिदा ने यह भी कहा कि भारत-जापान यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं तथा यूक्रेन एवं उसके पड़ोसी देशों को मदद देने का काम जारी रखेंगे। किशिदा के अनुसार जापान-भारत खुले और मुक्त हिन्द-प्रशांत के लिए मिलकर प्रयास बढ़ायेंगे।
दोनों नेताओं ने आज हैदराबाद हाउस में मुलाकात की और द्विपक्षीय, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने से जुड़े विषयों पर चर्चा की। मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। शिखरवार्ता के बाद दोनों नेताओं की उपस्थिति में दस्तावेज साझा किए गए। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री किशिदा ने अपना-अपना वक्तव्य दिया।
शिखरवार्ता के दौरान दोनों देशों ने अपने रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की टू प्लस टू बैठक शीघ्र आयोजित करने का भी निश्चय किया। किशिदा ने मोदी को जापान में प्रस्तावित क्वाड देशों की शिखरवार्ता में भाग लेने के लिए न्यौता दिया। दोनों देशों ने स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी कायम करने की भी घोषणा की। साथ ही जापान ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में टिकाऊ विकास कि लिए सहयोग करने का भी ऐलान किया।
मोदी ने अपने संबोधन में मुख्य जोर भारत-जापान के बीच आर्थिक सहयोग में हो रही प्रगति पर केन्द्रित रखा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की साझेदारी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र सहित पूरी दुनिया में शांति, समृद्धि और स्थायित्व के लिए लाभदायक है।
आज हुए समझौतों और करारों के तहत दोनों देश औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मक साझेदारी रोडमैप पर काम करेंगे। साइबर सुरक्षा क्षेत्र में सूचनाओं के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण और सहयोग करेंगे। नगरी विकास और घरेलू दूषित जल प्रबंधन के सिलसिले में भी एक करार हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा है कि आज विश्व कोविड महामारी के दुष्प्रभावों, आर्थिक पुनरुत्थान में आ रही अड़चनों और भू-राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में जापान और भारत की मजबूत साझेदारी बेहद महत्वूर्ण है।
उन्होंने कहा कि डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और मुंबई अहमदाबाद उच्च गति रेल जैसे फ्लैगशिप कार्यक्रम में जापान का सहयोग उल्लेखनीय रहा है। हम इस योगदान के लिए जापान के आभारी हैं। मुंबई अहमदाबाद उच्च गति रेल कॉरिडोर की प्रगति काफी अच्छी रही है। उन्होंने कहा कि भारत और जापान दोनों ही सुरक्षित, विश्वसनीय, अनुमानित और स्थिर ऊर्जा सप्लाई के महत्व को समझते हैं। हमारी साझेदारी स्वच्छ ऊर्जा सहयोग की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगी।
जापानी प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य में यूक्रेन का विषय उठाया और कहा कि भारत के साथ वह भी संघर्ष विराम और बातचीत से समस्याओं के समाधान के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि वह सुरक्षा परिषद में बदलाव लाने के पक्ष में है और मिलकर दुनिया को परमाणु शस्त्रों से मुक्त करना चाहते हैं। भारत और जापान सैन्य अभ्यास से जुड़ा सहयोग आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि अब से जापानी सेब भारत में आसानी से मिल सकेंगे और भारत के आम का भी जापानी लोग लुफ्त उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देश आपसी संबंधों के 70वीं वर्षगांठ को मिलकर बनाएंगे।
14वीं भारत-जापान वार्षिक शिखर वार्ता में शामिल होने के लिए किशिदा आज भारत के दो दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे। जहां हवाई अड्डे पर केद्रीय मंत्री अश्विनी बैष्णव ने उनकी आगवानी की। (एजेंसी, हि.स.)
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