भोपाल। कोरोना (Corona) महामारी के बीच प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में सरकार खर्चों में कमी करने के बजाए बढ़ाने जा रही है। अगले पांच साल के लिए जननी एक्सप्रेस (Janani Express) और 108 एंबुलेंस (Ambulances) संचालन के जो टेंडर जारी किए हैं, उन्हें हर महीने वर्तमान खर्च का दोगुना यानी 40 करोड़ रुपए के बजाए 80 करोड़ रुपए का भुगतान (Payment) करना पढ़ेगा। यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की मनमानी से बन रही है। खास यह है कि जननी एक्सप्रेस (Janani Express) में 820 और 108 एंबुलेंस (Ambulances) में 606 वाहन लगाए जाने के टेंडर जारी किए गए हैं। ये वाहन अगले पांच साल यानी 2025 तक संचालित होंगे। 4 मई को टेंडर ओपन (Tender Open) किए जाना है। नए नियम आंध्रप्रदेश के पैटर्न पर तैयार किए गए हैं। इसमें अन्य राज्यों में संचालित हो रहे वाहनों का अध्ययन किया है। वर्तमान में इन वाहनों के संचालन में हर साल 480 करोड़ रुपए खर्च हो रहे थे, नई टेंडर (New Tender) शर्तों के हिसाब से हर साल खर्चा 960 करोड़ रुपए होगा। पिछले 5 सालों में खर्चा 2400 करोड़ रुपए हुआ था, जो अगले 5 सालों में 4800 करोड़ रुपए होगा। एनएचएम की एमडी छवि भारद्वाज (MD Chavi Bhardwaj) ने बताया कि अभी टेंडर फाइनल (Tender final) नहीं हुए हैं, प्री-बिड जारी की गई है। इसमें 6 से 7 जो भी कंपनियां हैं, उनके जो प्रस्ताव आए हैं, उनका अध्ययन किया जाएगा। खर्च बढऩे की बात है तो जननी और 108 एंबुलेंस (Ambulances) के संचालन के नए नियम तैयार किए हैं, जो केंद्र सरकार के मापदंडों के हिसाब से हैं। पुराने नियमों में संशोधन भी किया है।
मप्र की कोई कंपनी नहीं ले पा रही भाग
वाहन संचालन का खर्च बढऩे का कारण टेंडर में जो शर्तें निर्धारित हैं, उसके हिसाब से मापदंड इस तरह तय किए गए हैं कि कंपनी की 300 वाहन संचालित किए हों। अभी तक इस हिसाब से इस बिड में मप्र की कोई भी कंपनी भाग नहीं ले पा रही है, जबकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से 150 गाडिय़ों के संचालन का अनुभव चाहिए।
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