कुशीनगर। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कुशीनगर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में कई किसानों की जान जा चुकी है। लेकिन सरकार को कोई परवाह नहीं है। जिस तरह से सरकार ने यूपी में किसानों के विरोध को कुचलने की कोशिश की, जिसका आरोप केंद्रीय मंत्री के बेटे पर है। क्या आप अपनी जीप से अन्नदाता को कुचल सकते हैं?
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के सपा के JAM वाले बयान पर पलटवार किया। अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा के JAM का मतलब है, J से झूठ, A से अहंकार और M का मतलब है महंगाई। दरअसल, शाह ने शनिवार को आजमगढ़ से अखिलेश यादव पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि मोदी जी JAM लाए हैं।
ताकि भ्रष्टाचार के बिना खरीदी हो सके। J का मतलब है जनधन खाता, A का मतलब आधार और M का मतलब है हर हाथ में मोबाइल। उन्होंने कहा, मैंने गुजरात में ये बयान दिया। तो सपा के नेता ने कहा कि हम भी JAM लाए हैं। सपा के JAM का मतलब है, J से जिन्ना, A से आजमखान और M का मतलब मुख्तार।
अखिलेश भाजपा पर निशान साधते हुए कहा कि किसानों को कुचल दिया गया। उसके बाद वे कानूनों को कुचल रहे थे। अगर उन्हें दोबारा मौका दिया गया तो वे संविधान को भी कुचल सकते हैं। किसान मायूस हैं, उनकी आमदनी दोगुनी नहीं बल्कि महंगाई बढ़ी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 में बदलाव होना है, जनता बदलाव चाहती है। भरतीय जनता पार्टी ने पिछले साढ़े चार साल में अपना संकल्प पत्र पलटकर भी नहीं देखी। ऐसी कौन सी सरकार होती है, जो अपने किए हुए वादे को न पूरा करे? जो किसान आज आंदोलन कर रहा है, वो इसलिए आंदोलन कर रहा है क्योंकि उसकी आय तो दोगुनी हुई नहीं, फैसले उसकी खुशहाली के लिए नहीं लिए गए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उन कानूनों को भारतीय जनता पार्टी लागू करना चाहती है, जिन कानूनों के बाद किसान की खेती छीन ली जाएगी। तीनों काले कानूनों को सरकार वापस ले, उसके खिलाफ लगातार किसान आंदोलन कर रहे हैं। पूरे देश में किसानों में नाराजगी है, कि जहां उनके बीच में खुशहाली के लिए कानून आने चाहिए थे, उनकी जमीन को छीनने के लिए कानून आए हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved