जम्मू (Jammu) । पुंछ हमले (Poonch attack) की जांच करने के लिए एनआईए (NIA) की विशेष टीम पुंछ में पहुंच गई है। यहां टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी है। हालांकि राजोरी नरसंहार की जांच भी एनआईए के पास है और तीन महीने का अधिक समय बीत जाने के बाद भी एनआईए के पास इस हमले की कोई पुख्ता जानकारी हाथ नहीं लगी है।
संभव है कि दिल्ली से भी एनआईए के कुछ अधिकारियों की टीम शुक्रवार को पुंछ पहुंचेगी। क्योंकि पाकिस्तान से लगातार राजोरी और पुंछ जिलों में इस तरह की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। जबकि श्रीनगर में जी 20 की बैठक भी होने वाली है।
एनआईए के अलावा तमाम खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी पुंछ के लिए रवाना हो चुके हैं। यहां एजेंसियां अपने अपने स्तर पर जांच करेंगी। वहीं बता दें कि राजोरी के ढांगरी नरसंहार के बाद अब तक आतंकियों का पता नहीं चल पाया है।
ढांगरी में मारे गए लोगों के परिवार का कहना है कि इस नरसंहार की नाकामी का ही नतीजा है कि पड़ोसी मुल्क की इतनी हिम्मत हुई है कि उन्होंने जवानों पर इस तरह का हमला किया है।
आतंकी हमले में शहीद हुए पांच जवानों में से चार पंजाब के, एक ओड़िशा का निवासी
जम्मू-पुंछ हाईवे पर आतंकी हमले में शहीद होने वाले पांच जवानों में से चार का ताल्लुक पंजाब से और एक का ओड़िशा का निवासी है। शहीद जवानों की पहचान सिपाही हरकिशन सिंह निवासी तलवंडी पंजाब (इसके सिर पर गोली का घाव है), लांस नायक कुलवंत सिंह निवासी गांव चिरक पंजाब (इसके टांग के ऊपरी भाग में गोली का घाव) है।
हवलदार मंदीप सिंह निवासी गांव चनकोईयां कंकन पंजाब (बांए कंधे पर गोली का घाव), सिपाही सेवक सिंह निवासी भागा पंजाब (वाहन में ही पूरी तरह जला हुआ) और लांस नायक देबाशीश निवासी अलगुम समिल कनडयाट ओडिशा (वाहन में पूरी तरह झुलसा हुआ मिला) के रूप में हुई है।
इन शहीद जवानों के बलिदान को सैन्य अधिकारियों ने सलाम किया है, जबकि एक जवान शक्तिवेल घायल है, जिसे सैन्य अस्पताल राजोरी में भर्ती कराया गया है।
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