नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और आतंकी समूह जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकवाद (Terrorism) को बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform) के जरिए भर्तियां (Recruitments) करने की कोशिश कर रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप का इस्तेमाल कर युवाओं को आतंकी समूहों में शामिल करने में लगे हैं.
आईएसआई और आतंकी समूह अपनी पहचान छिपाने के लिए फेक प्रोफाइल और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल करते हैं ताकि इन्हें पहचाना नहीं जा सके. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सुरक्षाबलों की कड़ी नाकेबंदी के कारण उनके लिए युवाओं से सीधे संपर्क करना मुश्किल होता जा रहा है.
युवाओं की पहचान होते ही उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने निजी ग्रुपों में शामिल कर लेते हैं. इन ग्रुपों में युवाओं को बरगलाने के लिए उन्हें सुरक्षाबलों के अत्याचारों को दर्शाने वाले मनगढ़ंत वीडियो सहित फर्जी तरीके से बनाए गए इसी तरह के कंटेंट भेजा जाता है. आतंकी समूहों में भर्तियां करने के बाद इन युवाओं को मैनिपुलेटिव कंटेंट और फैब्रिकेटेड वीडियो तैयार करने के काम में लगाया जाता है. इनका मकसद नफरत और भेदभाव बढ़ाना होता है.
बता दें कि विशेष रूप से दक्षिण कश्मीर में सोशल मीडिया के माध्यम से भर्ती और लोगों को कट्टर बनाने की गतिविधियों में इजाफा हुआ है. आतंकी समूह टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म और ऐप का तेजी से लाभ उठा रहे हैं.
इन खतरों का मुकाबला करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने सोशल मीडिया निगरानी इकाइयां स्थापित की हैं जो संभावित भर्तियों को ट्रैक करती हैं और इन्हें समय रहते बेअसर करती हैं.
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