बारामूला। जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के बारामूला जिले में रविवार सुबह आतंकवादियों ने एक रिटायर पुलिस अधिकारी (Rt. Police Officer) की गोली मारकर हत्या (Murder) कर दी। पुलिस के अनुसार, यह घटना तब हुई जब रिटायर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहम्मद शफी गंतमुल्ला इलाके में एक मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। कश्मीर जोन पुलिस ने एक्स पर कहा, “आतंकवादियों ने गेंटमुल्ला में एक रिटायर पुलिस अधिकारी मोहम्मद शफी पर मस्जिद में अजान पढ़ते समय गोलीबारी की और उनकी मौत हो गई।”
सर्च ऑपरेशन जारी
आपको बता दें कि हाल ही में जम्मू कश्मीर में सेना के दो वाहनों पर हमला करने वाले आतंकवादियों को पकड़ने के लिये बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने घने जंगली इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाश अभियान शुरू किया, जिसमें राजौरी का निकटवर्ती थानामंडी भी शामिल है । हालांकि, फरार आतंकवादियों का अब तक पता नहीं चल पाया है। शनिवार दोपहर ढेरा की गली इलाके में एक जंगल के अंदर गोलीबारी की आवाज सुनी गई। सुरक्षा एजेंसियों ने बाद में स्पष्ट किया कि सुरक्षा बलों ने एक प्राकृतिक गुफा की जांच के दौरान यह गोली चलायी थी ।
पुंछ में सेना के वाहनों पर आतंकी हमला
वहीं, पिछले कुछ हफ्तों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की संख्या बढ़ती जा रही है. गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश के पुंछ जिले में सेना के जवानों को एक घेराबंदी और तलाशी अभियान स्थल पर ले जा रहे वाहनों पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया. आतंकियों की इस कायराना हरकत में सेना के पांच जवान शहीद हो गए, जबकि तीन जवान घायल हो गए. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कुछ सैनिकों के हथियारों को भी लूट लिया गया.
तीन लोगों की संदिग्ध मौत
दूसरी ओर, पुंछ में हुए आतंकी हमले को लेकर पूछताछ के लिए लाए गए तीन लोगों की मौत पर बवाल खड़ा हो गया है. सेना ने पूछताछ के लिए जिन तीन लोगों को बुलाया था, उनकी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी सामने आए, जिनमें संदिग्धों को प्रताड़ित करते हुए दिखाया गया. वीडियो सामने आने के बाद से ही लोगों में काफी नाराजगी है. अभी तक इस मामले पर सेना और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है. हालांकि, एहतियात के तौर पर पुंछ और राजौरी जिलों में मोबाइल इंटरनेट सर्विस को बंद कर दिया गया है. अफवाहों को फैलने से रोकने और उपद्रवी तत्वों को कानून व्यवस्था में बाधा डालने से रोकने के लिए ऐसा किया गया है. शांति बनाए रखने के लिए जिलों के संवेदनशील इलाकों में अर्धसैनिक बलों को तैनात भी कर दिया गया है.
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