जम्मू । जम्मू और कश्मीर पुलिस (Jammu and Kashmir Police) ने आरोप पत्र (charge sheet) में यह खुलासा किया है कि हुर्रियत नेता रहे सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Gilani) का करीबी सहयोगी मियां अब्दुल कयूम (Mian Abdul Qayum) 2020 में वरिष्ठ वकील और टीवी पैनलिस्ट बाबर कादरी (Babar Qadri) की हत्या में शामिल था। चार्जशीट के अनुसार, पुलिस ने इसमें मियां अब्दुल कयूम के प्रत्यक्ष संलिप्तता का आरोप लगाया है। आपको बता दें कि कयूम कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) का पूर्व अध्यक्ष और गिलानी का करीबी सहयोगी था।
बाबर कादरी की 24 सितंबर 2020 को श्रीनगर में उनके निवास पर हत्या कर दी गई थी। आतंकवादियों ने वकील का रूप धारण कर कादरी को निशाना बनाया था। इससे घाटी में सनसनी फैल गई थी। हत्या से कुछ घंटे पहले, कादरी ने एक वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने मियां कयूम से जान से मारने की धमकी मिलने का दावा किया था। कयूम पर भ्रष्टाचार और एचसीबीए का उपयोग भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
कादरी ने वीडियो में कहा था, “मुझे कुछ घंटों पहले उनके लोगों ने धमकी दी है। कयूम दोहरा खेल खेल रहा है। उसने लोगों के लिए क्या किया है?” कादरी ने उन व्यक्तियों के नाम भी लिए थे, जिन्हें उन्होंने कयूम की गुट का हिस्सा बताया था।
कादरी की हत्या के बाद, 2021 में छह व्यक्तियों को श्रीनगर की विशेष एनआईए कोर्ट में चार्जशीट किया गया था। इनमें एक सक्रिय आतंकवादी भी शामिल था। हालांकि, जुलाई 2023 में इस मामले को जम्मू और कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (SIA) को सौंप दिया गया था। कादरी के परिवार को धमकियां मिल रही थीं और न्यायिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप के मामले सामने आ रहे थे।
SIA ने विभिन्न साक्ष्यों के माध्यम से कयूम को “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) के साथ आपराधिक साजिश से जोड़ते हुए जांच की थी। जांच के अनुसार, कयूम ने कादरी को चुप करवा देने के लिए हमले की साजिश रची थी, क्योंकि कादरी ने बार एसोसिएशन में उनकी पकड़ को चुनौती दी थी। आपको बता दें कि टीआरएफ कि लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी संगठन है।
आपको बता दें कि हत्या के दिन 24 सितंबर 2020 को आतंकवादियों ने कादरी का पीछा किया और उन्हें कानूनी सलाह लेने का बहाना बनाकर उनके पास पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कादरी के घर पर गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। कादरी को श्रीनगर के SKIMS अस्पताल में लाने पर मृत घोषित कर दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कयूम एक कठोर अलगाववादी है और कश्मीर में पाकिस्तान के रुख को बढ़ावा देने में एक प्रमुख शख्सियत है। उसकी सुनवाई पहले श्रीनगर में चल रही थी।
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