श्रीनगर: सीमा पर पाकिस्तानी मंसूबों को नाकाम करने के लिए भारतीय सेना ने कमर कस ली है. एलओसी के उस पर आए दिन दिखने वाले पाकिस्तानी ड्रोन्स को मार गिराने के लिए सेना ने स्थानीय लोगों की ट्रेनिंग शुरू कर दी है. भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा से सटे नौशेरा सेक्टर में भारतीय सेना लोगों को इस बारे में जागरूक कर रही है कि ड्रोन कैसे होते हैं और कैसे इनका पता लगाना है.
इसके साथ ही सेना यह भी बता रही है कि अगर ड्रोन गांव के ऊपर तक आता है तो कैसा दिखेगा और उसे कैसे मार गिराना है. इस बीच भारतीय सेनाने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एंटी ड्रोन गन तैयार की है ताकि उनकी रेंज से पाकिस्तानी ड्रोन गुजरता है तो उसे मार गिराया जाए. वहीं सेना स्थानीय लोगों को भी इस बारे में जागरूक करने पर प्राथमिकता से काम कर रही है.
बता दें कि अक्सर पाकिस्तान की तरफ से रात के अंधेरे में ड्रोन भेजे जाते हैं. इन ड्रोन्सके जरिए पाकिस्तान आतंकियों को हथियारों की सप्लाई करता है, तो ड्रग्स भी गिराया जाता है. इन ड्रोन्स से गिरने वाले हथियारों और ड्रग्स को भारतीय सीमा में बैठे अंडर ग्राउंड वर्कर्स के जरिए ठिकाने लगाया जाता है. ड्रोन्स से गिरने वाले हथियार अक्सर आतंकियों तक पहुंचाए जाते हैं.
एंटी ड्रोन गन को जानिए
बता दें कि भारतीय सेना ने सीमा पर एंटी ड्रोन गन तैनात किया है, जोकि पूरी तरह भारत में ही निर्मित हैं और ये किसी भी ड्रोन को स्पॉट करने, उसकी गतिविधि को भांपने और मार गिराने में सक्षम हैं. एंटी ड्रोन गन हाथ से चलाने के साथ-साथ मोबाइल गन भी है. इसे किसी भी व्हीकल पर फिट किया जा सकता है. भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 553 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जिसकी सुरक्षा का जिम्मा सीमा सुरक्षा बल (BSF) के पास है. जम्मू कश्मीर में भारत पाकिस्तान सीमा 198 किमी लंबी है, जो कठुआ से लेकर जिला जम्मू के अखनूर सेक्टर तक है.
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