नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि जम्मू में वायु सेना के अड्डे पर हुआ ड्रोन हमला एक आतंकी कार्रवाई थी। इस आतंकी हमले का मकसद भारत की प्रमुख सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाना था। भारतीय वायु सेना सुरक्षा की ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं को और मजबूत बना रही है।
जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर 26/27 जून की रात को हुए ड्रोन अटैक के समय तीन दिवसीय बांग्लादेश यात्रा पर गए एयर चीफ मार्शल भदौरिया वहीं से लगातार हर हालात पर नजर बनाए हुए थे। उन्होंने ड्रोन हमले में मामूली रूप से घायल हुए वायु सेना के दो जवानों वारंट अधिकारी अरविंद सिंह और एयरमैन एसके सिंह से फोन करके बात भी की थी। वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जांच के लिए जमीनी स्तर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए थे। बांग्लादेश की आधिकारिक यात्रा से लौटने के बाद वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने शुक्रवार को थिंक टैंक ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल के साथ बातचीत में कहा कि जम्मू में वायु सेना के अड्डे पर हुआ ड्रोन हमला एक आतंकी कार्रवाई थी। इस आतंकी हमले का मकसद भारत की प्रमुख सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाना था।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने ड्रोन और इसी तरह की क्षमताओं वाले मानवरहित हवाई यानों की आसानी से उपलब्धता होने के प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण किया है और इनसे निपटने के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस आतंकी कार्रवाई में हमारी संपत्तियों को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन इस हमले की विस्तृत जांच जारी है। जांच के परिणाम के आने पर सभी तरह के कदम उठाए जाने की तैयारी है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने साफ्ट किल यानी बिना किसी विध्वंस के दुश्मनों के ठिकानों को निशाना बनाने और ड्रोन रोधी प्रणाली के संबंध में अपनी क्षमता बढ़ाने के वास्ते योजना और जरूरी प्रणाली को लेकर काफी हद तक विश्लेषण किया है।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमारे पास इस तरह की घटनाओं की त्वरित प्रतिक्रिया देने और चुनौतियों से निपटने की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सारे मुद्दों पर विचार करके कई परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया गया है। कुछ प्रणालियां तैनात भी कर दी गई हैं। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि रात के समय जब हमला हुआ, उस वक्त दृश्यता नहीं थी लेकिन बहुत जल्द हमारे पास ऐसी पर्याप्त प्रणालियां होंगी जिनसे हम इस तरह के खतरे से निपटने के रास्ते खोज लेंगे। आज हमारे पास पहले से ही एक कार्यात्मक प्रणाली है लेकिन जब हम एक एकीकृत थिएटर कमांड करते हैं, तो हमें अपनी व्यापक राष्ट्रीय शक्ति को प्रोजेक्ट करने की क्षमता के अगले स्तर तक पहुंचना चाहिए। हमें तालमेल बिठाने में सक्षम होना चाहिए। (एजेन्सी, हि.स.)
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