अमृतसर (पंजाब)। पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) में स्थित ऐतिहासिक जलियांवाला बाग (Historic Jallianwala Bagh) को देखने दुनिया भर से लोग आते हैं। मगर अब पर्यटक (Tourist) जलियांवाला बाग के कुएं में सिक्के नहीं फेंक (don’t throw coins well) सकेंगे। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने जलियांवाला बाग के शहीदी कुएं (martyr well) में पैसे डालने पर रोक (Prohibition on putting money) लगा दी है और बाग के ऐतिहासिक कुएं के ऊपरी हिस्से को बंद करने का आदेश दिया है। इससे पहले कुएं के बाहर नोटिस बोर्ड भी लगाया गया था। इसमें कुएं में सिक्के न डालने की अपील की गई थी फिर भी पर्यटक पैसे फेंकते थे।
पर्यटक यहां शहीदों के सम्मान में पैसा डालते थे। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक जलियांवाला बाग में शहीदों को नमन करते वक्त अक्सर कुएं को देखते और सम्मान में सिक्के डालते थे। बता दें कि 2019 में जलियांवाला बाग नरसंहार की शताब्दी के संदर्भ में केंद्र सरकार ने इसका नवीनीकरण करवाया था।
कुएं में पैसे डालने को बंद करवाने व यहां से हर माह कितने पैसे निकालते हैं इन पैसों का हिसाब कहां दर्ज किया जाता है और इन पैसों का उपयोग कहां पर होता है। इस मुद्दे को लेकर
अमृतसर के वकील एवं आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट पीसी शर्मा ने भारत सरकार, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और पीएमओ को पत्र लिखा था। आरटीआई के तहत कुएं में फेंके गए सिक्कों के बारे में जानकारी मांगी थी। मगर कुएं में फेंके जाने वाले सिक्कों के बारे में कोई हिसाब नहीं मिला। अब मंत्रालय ने सिक्के फेंकने पर रोक लगा दी है।
नवीनीकरण के बाद बाग 28 अगस्त 2021 को खोला गया। सरकार के आदेश पर जांच के दौरान सामने आया कि 28 अगस्त से अब तक बाग के कुएं से साढ़े आठ लाख रुपये निकाले गए हैं और इनको जलियांवाला बाग मेमोरियल ट्रस्ट के खाते में जमा करवा दिया गया है। अब केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को कुएं का मुहाना बंद करने का आदेश दिया है।
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