नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control in Eastern Ladakh) पर मौजूद हालात के बारे में चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi) के साथ बुधवार को व्यापक विचार-विमर्श किया। विदेश मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के बकाया मुद्दों का अभी तक हल नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि भारत की अपेक्षा है कि चीन बकाया मुद्दों को हल करने के लिए उसके साथ मिलकर काम करेगा।
विदेश मंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि इस वर्ष के आरंभ में पेंगोंग झील क्षेत्र से अग्रीम टुकड़ियों को पीछे हटाने का काम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ था। इससे बकाया मामलों के हल होने की परिस्थिति बनी थी।
जयशंकर ने बैठक के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ पिछले वर्ष सितंबर में मास्को में सम्पन्न बैठक में बनी सहमति का जिक्र किया। उस बैठक में बनी सहमति के आधार पर विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में अग्रीम टुकड़ियों को पीछे हटाने का काम पूरी तरह सम्पन्न करने पर जोर दिया।
उस बैठक का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन दोनों सहमत थे कि मौजूदा स्थिति को लम्बे समय तक बनाए रखना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। इससे द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
सीमा पर पिछले वर्ष के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वर्ष 1993 और वर्ष 1996 के समझौतों को नजरअंदाज कर यथा स्थिति में बदलाव करने की कोशिश की गई जिसका द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ा। विदेश मंत्री ने कहा कि वर्ष 1988 के बाद द्विपक्षीय संबंधों में विकास का आधार सीमा पर शांति और सामान्य स्थिति का बरकरार रहना था।
जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि यह दोनों पक्षों के हित में है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रक रेखा पर बकाया मामलों को जल्द हल किया जाए। साथ ही द्विपक्षीय समझौतों और सहमतियों का पालन किया जाए। दोनों विदेश मंत्रियों ने गत 25 जून को विचार-विमर्श और समन्वय संबंधी कार्यप्रणाली की बैठक के संदर्भ में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की बैठक जल्द आयोजित करने पर सहमति बनाई।
दोनों विदेश मंत्री इस बात पर भी सहमत थे कि सैन्य अधिकारियों की बैठक में बकाया मुद्दों पर चर्चा हो और आपसी रूप से स्वीकार्य समाधान खोजा जाए। दोनों विदेश मंत्री इस बात पर भी सहमत थे कि जमीनी स्तर पर स्थायित्व बनाये रखा जाए तथा कोई भी पक्ष ऐसी एकतरफा कार्यवाही न करे जिससे तनाव में वृद्धि हो। दोनों विदेश मंत्रियों ने आपसी संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई।
जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों और इस संगठन के अफगान संपर्क समूह की बैठकों में भाग लेने के लिए तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में हैं। यहां चीन, पाकिस्तान और रूस विदेश मंत्री सहित सभी आठ देशों के विदेश मंत्री मौजूद हैं। विदेश मंत्रियों ने क्षेत्रीय मुद्दों विशेषकर अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर विचार-विमर्श किया। (एजेंसी, हि.स.)
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