नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एससीओ समिट को संबोधित किया. इस दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर शिखर सम्मेलन में मौजूद थे. एस जयशंकर ने कजाकिस्तान के अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मैसेज को पढ़कर सुनाया. कार्यक्रम में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी हिस्सा लिया.
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पीएम मोदी के मैसेज को सुनाते हुए कहा कि स्वाभाविक रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है.
डॉ. एस जयशंकर शिखर ने पीएम मोदी के मैसेज सुनाते हुए आगे कहा कि भारत सराहना के साथ याद करता है कि एससीओ के सदस्य के तौर पर उसकी एंट्री 2017 कजाख अध्यक्षता के दौरान हुई थी. तब से, हमने एससीओ में अध्यक्षता का एक पूर्ण चक्र पूरा कर लिया है. दरअसल, भारत ने 2020 में शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक के साथ-साथ 2023 में राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की बैठक की मेज़बानी की थी. उन्होंने कहा कि एससीओ हमारी विदेश नीति में एक प्रमुख स्थान रखता है.
इसके अलावा अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन के सदस्य के रूप में इसमें शामिल होने के लिए ईरान को बधाई दी. साथ ही हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति रईसी और अन्य लोगों की दुखद मृत्यु पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की.
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मैसेज में राष्ट्रपति लुकाशेंको को भी बधाई दी और कहा कि मैं संगठन के नए सदस्य के रूप में बेलारूस का स्वागत करता हूं. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम आज महामारी के प्रभाव, चल रहे संघर्षों, बढ़ते तनाव, विश्वास की कमी और दुनिया भर में हॉटस्पॉट की बढ़ती संख्या के चलते एकत्र हुए हैं.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इन घटनाओं ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और वैश्विक आर्थिक विकास पर महत्वपूर्ण दबाव डाला है. उन्होंने वैश्वीकरण से उत्पन्न कुछ समस्याओं को और बढ़ा दिया है. ऐसे में हमारी सभा का उद्देश्य इन घटनाक्रमों के परिणामों को कम करने के लिए साझा आधार खोजना है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आर्थिक विकास के लिए मजबूत कनेक्टिविटी की जरूरत होती है. इससे हमारे समाजों के बीच सहयोग और विश्वास का मार्ग भी खुल सकता है. कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ को इन पहलुओं पर गंभीरता से विचार-विमर्श करने की जरूरत है.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैं एससीओ शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी करने के लिए कजाख पक्ष को बधाई देकर समाप्त करता हूं. साथ ही एससीओ की अगली अध्यक्षता के लिए चीन को शुभकामनाएं देता हूं.
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