लंदन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्रिटेन के पांच दिवसीय दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने बुधवार को बैठक के दौरान कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों से जुड़े मुद्दे को उठाया। उन्होंने जोर देते हुए ब्रिटेन के नेताओं से कहा कि भाषण की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ आती है और उन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उस दुरुपयोग को बर्दाश्त करना बहुत गलत होगा।
भारत रवाना होने से पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग में मीडिया से बातचीत के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने ब्रिटेन के कैबिनेट मंत्रियों और विपक्षी नेताओं के साथ अपनी चर्चा के कुछ पहलुओं को साझा किया, जिसमें वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों के सभी आयामों पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टिम बैरो के साथ बैठक कीं। इस दौरान देश में अपने राजनयिकों की सुरक्षा के संबंध में खालिस्तान समर्थक चरमपंथ के संबंध में भारत की चिंताओं पर चर्चा हुई।
जयशंकर ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम यहां सरकार को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि लोकतंत्र के साथी के तौर पर हम अभिव्यक्ति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व को समझते हैं, लेकिन उन्हें इन स्वतंत्रताओं के दुरुपयोग के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उस दुरुपयोग को बर्दाश्त करना बहुत गलत होगा।’ बैठक के दौरान उन्होंने कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर हमलों को याद किया और कहा कि भारतीय राजनयिकों को सार्वजनिक रूप से डराया गया था। कनाडाई अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
ब्रिटेन के नवनियुक्त विदेश मंत्री डेविड कैमरन के साथ द्विपक्षीय वार्ता पर जयशंकर ने कहा कि उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया में इस्राइल-हमास संघर्ष जैसे कई क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने यह भी साझा कि कैमरन ने उन्हें इंग्लैंड और भारतीय क्रिकेट टीमों द्वारा हस्ताक्षरित क्रिकेट बल्ला भेंट किया। इस बल्ले को विदेश मंत्री ने बहुत खास बताया। इससे पहले रविवार को 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ऋषि सुनक से मुलाकात के दौरान उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को विराट कोहली के हस्ताक्षर वाला क्रिकेट बल्ला उपहार में दिया था।
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