इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) अब FATF सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगठन द्वारा कार्रवाई से बचने के लिए अपना नाम बदलकर आतंकी मंसूबों को अंजाम देने में जुटी हुई है.
खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा अब आतंकी ट्रेनिंग से लेकर स्लीपर सेल बनाने के लिए अल-बुर्क़ ( Al Burq) के नाम से काम कर रहा है. इसके साथ ही इसी नाम से तमाम सक्रिय गतिविधियों को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भी खुलकर उसकी मदद कर रही है.
खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की धरती की उपज और वहीं से संचालित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का नाम भी बदलकर उसका एक छद्म नाम (pseudo Name) अल उमर मुजाहिदीन ( Al umar Mujahedeen) रखा गया है, ताकि ये पाकिस्तानी आतंकी इसी फर्जी नाम से अपने मंसूबों को अंजाम दे सके.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अब इसी नाम से नए जेहादियों को ट्रेनिंग सेंटर में आतंकी वारदात को अंजाम देने की ट्रेनिंग दे रही है. भारत सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई जांच एजेंसियों को इस मामले से जुड़ी कई महत्वपूर्ण इनपुट्स प्राप्त हो चुके हैं.
उधर खबर है कि अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान के लड़ाके अब जम्मू-कश्मीर में लड़ने के लिए तैयार हैं. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में खुफिया एजेंसी ISI के अफसर, साइबर प्रोपगंडा यूनिट, तालिबान, जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के आतंकी अफगानिस्तान के सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अभी पीओके में अफगानिस्तानी नंबर वाले करीब 3000 सिम कार्ड एक्टिव दिख रहे हैं.
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