इंदौर। जेल के अंदर कैदियों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, वह अब खुलकर सामने आने लगा है। कैदी बाहर निकलते ही उनके साथ की गई अमानवीयता की मय सबूतों के शिकायत कर रहे हैं। इस तरह का ही एक मामला उपजेल महू का सामने आया है। कलेक्टर कार्यालय में पहुंचे कैदी ने वीडियो रिकार्डिंग के साथ लिखित में शिकायत दर्ज करार्ई और न्याय की गुहार लगाई।उपजेल महू से पिछले साल सजा काटकर आए कैदी राजेंद्र ने कलेक्टर कार्यालय आकर अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताते हुए जेल में बंद कैदियों के साथ हो रहे दुव्र्यवहार की जानकारी दी। राजेंद्र ने बताया कि जेल के उपजेलर मनोज चौरसिया द्वारा कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। उन्होंने जेल के अंदर उसके साथ लात-घूंसों से मारपीट की, जिसके प्रमाण वीडियो रिकार्डिंग और फोटो के रूप में कैदी ने उपलब्ध कराए हैं। कैदी ने बताया कि वह जून-जुलाई माह में किसी कारणवश जेल गया था। वह हार्ट का पेशेंट है।
उसके हार्ट में 80 प्रतिशत ब्लाकेज बताते हुए डाक्टरों ने दवाइयां दी हैं, लेकिन उक्त समय में उसे न तो दवाइयां उपलब्ध कराई गईं और न ही कोई डाक्टरी जांच सुविधा उपलब्ध कराई गई, जिसके कारण वह और अधिक बीमार हो गया। राजेंद्र ने आरोप लगाया है कि जेल में आने वाले डाक्टर संजय जैन न तो मरीजों का परीक्षण करते हैं और न ही दवाइयां उपलब्ध कराते हैं। डिप्टी जेलर के कारनामों का वीडियो उसके पास होने के कारण उस पर वीडियो डिलीट करने का दबाव बनाया जा रहा था। उसे कहा गया कि जब तक यह वीडियो उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, उसे दवाइयां भी नहीं मिलेंगी।
इच्छा मृत्यु की मांग की
राजेंद्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसे जबलपुर जेल में स्थानांतरित करते हुए रास्ते में प्रताडि़त किया गया। अपर कलेक्टर रोशन राय से गुहार लगाते हुए राजेंद्र ने डिप्टी जेलर को हटाकर उक्त वीडियो और फोटो की जांच कराने की गुहार लगाई। उसके अनुसार यदि शिकायत के बावजूद जेल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उसे और उसकी पुत्री को इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए।
चर्चित रही है महू उपजेल, हो चुकी है हत्या
महू उपजेल पहले भी चर्चा में आ चुकी है। यहां एक कैदी की स्टाफ से मिलीभगत के चलते जेल के अंदर ही हत्या हुई थी। इसके बाद से सुरक्षा को लेकर निर्देश भी दिए गए थे, किंतु फिर से सामने आने लगी घटनाओं को देखकर लगता है कि यह लापरवाही का आलम पहले की तरह बना हुआ है। एक शिकायत ने जिले की सभी जेलों की कार्रवाई पर प्रश्न चिह्न लगा दिए हैं।
जेल में बन गई वीडियो, किसी को नहीं चला पता
अपर कलेक्टर रोशन राय के पास महू उपजेल से संबंधित जो वीडियो पहुंची उसे देखकर अपर कलेक्टर भी हैरान हैं। एक कैदी के पास पेनड्राइव में जेल के अंदर की करतूत की वीडियो कैसे आ गई। जेल में फोन और कैमरा ले जाना वर्जित है। जेल के अंदर की कार्रवाई की वीडियो बाहर आ जाना प्रश्न चिह्न लगाता है। पूर्व में भी जेल के अंदर कई बार मोबाइल जब्त हुए हैं, जिसमें जेल के स्टाफ और जिम्मेदारों की सांठगांठ भी सामने आ चुकी है।
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