नई दिल्ली (New Delhi) । धोखाधड़ी के कई मामलों में जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) ने अपनी पत्नी का बर्थडे केक खरीदने (Wife Birthday) के लिए अदालत में अर्जी (petition in court) लगाई थी, जिस पर उसे अनुमति मिल गई. दिल्ली की एक अदालत ने उसे जेल की बेकरी से केक खरीदने की अनुमति दे दी. कोर्ट ने कहा कि उसे (सुकेश) ‘अपने परिवार के सदस्यों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहने का विश्वास दिलाने की जरूरत है.’
दंपती कथित तौर पर धनशोधन और कई लोगों से ठगी के आरोप में मंडोली जेल में बंद है. अदालत ने मंडोली जेल के अधीक्षक को 28 अप्रैल को चंद्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज को केक सौंपने का निर्देश दिया.
कोर्ट ने सुकेश की अर्जी पर क्या कुछ कहा?
इस बात का संज्ञान लेते हुए कि चंद्रशेखर का अनुरोध किसी भी कानूनी पहलू की तुलना में मानवीय भावनाओं की दृष्टि से ज्यादा उपयुक्त मालूम होता है, विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने कहा, ”जो भी हो, यूटीपी (विचाराधीन कैदी) को अपने परिवार के सदस्यों-रिश्तेदारों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहने और संबंध बनाए रखने का विश्वास दिलाने की जरूरत है.”
न्यायाधीश ने 25 अप्रैल के एक आदेश में कहा, ”इसलिए मुझे कोई अपत्ति नजर नहीं आती, विशेष रूप से जब संबंधित विचाराधीन सुकेश चंद्रशेखर मंडोली जेल की बेकरी से अपने कैदी कोष से केक-पेस्ट्री खरीदना चाहता है और ऐसा नहीं है कि किसी भी विचाराधीन कैदी के लिए जेल से कुछ सामान दिया जा रहा है.”
विशेष लोक अभियोजक किया था सुकेश की अर्जी का विरोध
विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त को पहले जेल अधिकारियों के समक्ष अपना अनुरोध रखना चाहिए था और यदि अनुमति नहीं मिलती तभी उसे अदालत का रुख करना चाहिए था. वहीं, चंद्रशेखर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये पेश होकर कोर्ट के समक्ष कहा कि उसने जेल अधिकारियों से केक को लेकर अनुरोध किया था. उसने कहा कि अधिकारियों की ओर से अनुरोध स्वीकार न किए जाने पर अदालत में अर्जी देनी पड़ी.
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