– पूर्व में भी कई तरह के गंभीर आरोप लगे थे, हनीट्रैप के आरोपियों को जमानत देने की सिफारिश करना महंगा पड़ा
इन्दौर। कई वर्षों से इंदौर की जिला जेल के अधीक्षक के तौर पर कार्य कर रहीं अदिति चतुर्वेदी की आखिरकार इंदौर से रवानगी हो गई है। जेल अधीक्षक पर पूर्व में भी कई तरह के गंभीर आरोप लगे थे, मगर जेल मुख्यालय ने इन आरोपों पर ध्यान नहीं दिया और किसी भी मामले की जांच नहीं की। इस बार शिकायत सीधे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तक पहुंची, जिसके बाद जेल अधीक्षक को इंदौर की जिला जेल से हटना पड़ा।
जिला जेल में कुछ वर्ष पहले वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरएस भाटी के सेवानिवृत्त होने के बाद अदिति चतुर्वेदी को प्रशिक्षु जेल अधीक्षक के तौर पर पदस्थ किया गया था। चूंकि अदिति चतुर्वेदी की पारिवारिक पृष्ठभूमि अधिकारियों के वर्ग से जुड़ी हुई है, लिहाजा उन्हें मुख्यालय ने बाद में जिला जेल का स्थायी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। भोपाल मुख्यालय में अच्छी पकड़ होने के कारण अदिति चतुर्वेदी ने जिला जेल में काम किया और किसी भी अधिकारी की इस दौरान बात नहीं सुनी। हालांकि उनके खिलाफ कई बार गंभीर शिकायतें मुख्यालय तक पहुंचीं। इसके अलावा मानव अधिकार आयोग में भी उनकी शिकायतें होती रहीं, मगर मुख्यालय ने किसी भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया और उनके खिलाफ किसी भी तरह की जांच नहीं हुई। हाल ही में प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले की आरोपी श्वेता जैन, बरखा सोनी को जमानत देने की सिफारिश का पत्र उन्होंने कोर्ट में दे दिया और इसी मामले की शिकायत भोपाल तक पहुंची, जिसके बाद मुख्यालय ने उन पर आरोप पत्र दर्ज किया। उसके बाद से ही सबसे पहले अग्निबाण ने सबसे पहले यह समाचार प्रकाशित किया था कि जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी की कभी भी रवानगी हो सकती है। जेल मुख्यालय में नए जेल अधीक्षक के रूप में कई नामों पर विचार शुरू हो गया है। कल आए एक आदेश के बाद अदिति चतुर्वेदी को सिवनी जेल का अधीक्षक बनाया गया है। वहीं सिवनी के अधीक्षक अजमेरसिंह को इंदौर की जिला जेल के अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूत्रों का कहना है कि इस बार शिकायत सीधे ही गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तक पहुंची थी, जिसके बाद चतुर्वेदी को हटाने की कार्रवाई हुई है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved