उज्जैन। सेंट्रल जेल भैरवगढ़ में गबन कांड घोटाले में रकम और बढऩे की संभावना है। बताया जा रहा है कि यह घोटाला 30 करोड़ से अधिक का भी हो सकता है। गबन कांड की जाँच में रोज नए चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस कछुआ चाल से काम कर रही है। इसके चलते एक मुख्य आरोपी और 2 सह आरोपी भाग चुके हैं, वहीं जेल अधीक्षक को अभी तक उनके पद से नहीं हटाया गया है।
भैरवगढ़ सेंट्रल जेल के गबन कांड में 15 करोड़ रुपए के गबन की बात तो जाँच कमेटियाँ स्वीकार चुकी है लेकिन जाँच में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं और यह आंकड़ा 30 करोड़ के पार भी जाने की संभावना बन रही है। जो जानकारियाँ मिल रही है उनके अनुसार वर्ष 2018-19 से रिपुदमन सिंह रघुवंशी जेल कर्मियों के डीपीएफ खाते से गड़बड़ी कर रहा है। इन बीते वर्षों में कई कर्मचारी रिटायरमेंट हुए उन कर्मचारियों के भी डीपीएफ खाते में भी कोषालय के जाँच अधिकारियों को गड़बड़ी मिली है। वर्ष 2019 से लेकर वर्ष 2023 तक 2 जेल अधीक्षक इस दौरान पदस्थ रहे और दोनों ही जेल अधीक्षक की स्वीकृति हस्ताक्षर से ही रुपया निकला है। ऐसे में लेखा विभाग के अधिकारियों के अनुसार यदि जाँच में इनका नाम आ रहा है तो दोनों जेल अधीक्षक जो यहाँ कार्यरत थे और वर्तमान में है, दोनों को सह अभियुक्त बनाया जा सकता है लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि वर्तमान जेल अधीक्षक उषा राजे को अभी तक पद से भी नहीं हटाया गया है। जबकि इतने बड़े घोटाले जाँच में आ चुके हैं। जेल प्रशासन और गृहमंत्री उन्हें पद से क्यों नहीं हटा रहे हैं। इसमें कई शंका जन्म ले रही है। इधर पुलिस थाना भैरवगढ़ में एफआईआर दर्ज हुए पूरा 1 सप्ताह होने को है लेकिन पुलिस ने जाँेच के नाम पर सिर्फ उन लोगों के यहाँ नोटिस चस्पा किए हैं जो भाग चुके हैं। पहले आरोपी रिपुदमन सिंह रघुवंशी जो 11 मार्च को भाग गया, उसके बाद पुलिस 12 मार्च को पहुँची और उसके यहाँ नोटिस चस्पा किया। बाद में दो जेल कर्मियों के खातों में लेनदेन की खबर 2 दिन से चल रही थी लेकिन पुलिस इससे बेखबर थी, वह भाग गए। उसके बाद उनके घर नोटिस चस्पा करने पहुँची। आखिर पुलिस इस मामले में इतनी लापरवाही क्यों बरत रही है और अभियुक्तों के नाम बढ़ाने में समय क्यों लिया जा रहा है, इन सब बातों से साफ है कि पुलिस कछुआ चाल से चल रही है और किसी के दबाव में है, तभी ठीक ढंग से इस मामले में कार्रवाई नहीं हो रही है, जबकि उधर भैरवगढ़ जेल पर जेल कर्मियों के परिजन आमरण अनशन पर बैठे थे और सीएसपी जीवाजीगंज ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई होगी लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही ठीक ढंग से नहीं हो रही है। पुलिस की इस कार्यप्रणाली की आमजन में चर्चा है।
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