उज्जैन। 1 जुलाई को इस्कॉन द्वारा भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन किया जाएगा जिसमें जगन्नाथजी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ नगर भ्रमण करेंगे। इस्कॉन में इसकी तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। कोरोना के कारण दो साल यह यात्रा स्थगित रखी गई थी। इस्कॉन मंदिर में जगन्नाथ यात्रा उत्सव की तैयारियां जोरों पर है। भगवान का नया रथ तैयार हो रहा है, नई पोशाक बन चुकी है, अभी भगवान बीमार हैं और उनका उपचार चल रहा है। वे स्वस्थ होकर अषाढ़़ शुक्ल दूज 1 जुलाई के दिन रथ में विराजमान होकर जगत के कल्याण हेतु नगर भ्रमण पर निकलेंगे। पूर्व रात्रि से ही रथ को बुधवारिया चौराहे पर में खड़ा कर दिया जाएगा जहाँ रातभर रथ की सज्जा की जाएगी और प्रात: 11 से 11.30 तक भगवान रथ में विराजित हो जाएंगे। पुजारियों द्वारा भगवान की पूजा स्तुति के उपरांत लगभग 2 अतिथियों द्वारा पूजा, नारियल बदारकर स्वर्णिम झाड़ू से यात्रा मार्ग को बुहारा जाएगा और रस्सियों से रथ खींचना आरंभ होगा। रथयात्रा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भी आमंत्रित किया गया है।
37 फीट ऊँचा शिखर रहेगा रथ का
जनसंपर्क अधिकारी राघव पंडित दास ने बताया कि यात्रा में प्रयुक्त रथ हाइड्रोलिक सिस्टम से युक्त है जिससे रथ के शिखर की उंचाई भूमि से 18-20 फीट से उठाकर 35-37 फीट की जा सकती है। रथयात्रा में ताशा पार्टी, नगर निगम का टैंकर सड़क साफ करते हुए डीजे, घोड़ी, हाथी, बैलगाडिय़ों में कृष्ण लीलाओं में सजे धजे बच्चे, प्रसाद वाहन, कीर्तन और नृत्य करते हुए माताजी और प्रभुजी की मंडली, रथ, प्रसादवाहन, पीने के पानी का टैंकर, आकस्मिक उपचार हेतु एम्बुलेंस तथा अंत में स्वच्छता का संदेश देते इस्कॉन भक्त यात्रा में हुए कचरे को उठाते हुए चलेंगे।
यह रहेगा मार्ग
रथयात्रा बुधवारिया से कंठाल, नईसड़क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवासगेट, चामुंडा माता चौराहे, ओवर ब्रिज, टॉवर, तीनबत्ती, देवासरोड़, इस्कॉन तिराहे से शाम लगभग 7 बजे इस्कॉन मंदिर स्थित गुंडिचा पहुंचेंगे। जगन्नाथजी इस्कॉन मंदिर स्थित गुंडिचा में 7 दिन तक रहेंगे जहां उनकी प्रसन्नता के लिए कथा और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन पूरे सप्ताह चलेगा। 9 जुलाई को वापसी रथयात्रा होगी जिसमें पुन: भगवान रथ में भक्तों के समूहों द्वारा दोपहर 3 बजे नृत्य कीर्तन कर रथ को खींचते हुए बिरला हॉस्पिटल, ट्रेजर बाजार, सी-21 मॉल के सामने से इंदौर रोड़ होते हुए काला पत्थर, बसंत बिहार, आनंद नगर, सर्किट हाउस, पोलीटेक्नीक कॉलेज से इस्कॉन तिराहा होते हुए शाम को लगभग 6 से 7 बजे के बीच इस्कॉन मंदिर पहुंचेंगे।
9 दिन तक देंगे विशेष दर्शन
जगन्नाथ पुरी की तरह उज्जैन इस्कॉन मंदिर को गुंडीचा मंदिर के रूप में सजाया जाएगा एवं 9 दिन भगवान के दर्शन एवं सेवा का लाभ भाग्यशाली उज्जैनवासियों को मिलेगा। वैदिक शास्त्रानुसार इस दिन भगवान कृष्ण अपने बड़े भाई बलरामजी एवं बहन सुभद्रा महारानी के साथ कुरूक्षेत्र से रथरूढ़ होकर अपने परम प्रेमी भक्तों द्वारा रथ खींचे जाने पर अपने नित्यधाम वृंदावन को जाते हैं।
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