5 हजार लोगों को रोजगार
आईटी पार्क में आइडिया सेलुलर लिमिटेड का डाटा सेंटर, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, एसिस्ट क्लिक और पेटीएम कॉल सेंटर (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) चला रही है। फार्च्युन केपिटल सर्विसेस कंपनी यहाँ से अपना नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग संचालित कर रहा है। वोडाफोन, फार्च्युन केपिटल, प्रेम संस, इंडिया, रेटिनोड्स, सॉफ्टवेयर सोल्यूशन सर्विसेस, पोलीपैक, रेक्टीट्यूड सोल्यूशन, टीएसडी, लोगीमॉन्क टेक्नॉलाजी, संपूर्ण रसोई, अदिति इलेक्ट्रिकल्स, एनोड इलेक्ट्रानिक्स प्रायवेट लिमिटेड, नाइट टेक प्राइवेट लिमिटेड, एक्वा सोल्यूशन, सरोवा पम्प, आशीष कम्प्यूटर और बनाना इलेक्ट्रिकल्स जैसी कंपनियों के माध्यम से करीब 5 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिला है। फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियाँ भी यहाँ कॉल सेंटर और वेयर हाउस बनाने की संभावनाएँ तलाश रही हैं।
वोकल फॉर लोकल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के आव्हान को फलीभूत करने आईटी पार्क में मौजूदा समय में मिशन मोड में काम हो रहा है। यहाँ स्थापित कंपनियों ने सॉफ्टवेयर, कम्प्यूटर केबल, डाटा केबल, सोलर लाइट, चार्जर, सीसीटीव्ही कैमरे, बिजली बल्व का निर्माण शुरू कर दिया है। जिस तेजी से कंपनियों में उत्पादन शुरू है उसे देखते हुए प्रतीत हो रहा है कि साल भर के अंदर यहाँ करीब 10 से 15 हजार लोगों को रोजगार मिलने लगेगा।
उत्पादों की विदेशों में बढ़ी मांग
आईटी पार्क की कंपनियों के उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के उत्पादों के मुकाबले सस्ते और गुणवत्तायुक्त होने की वजह से न केवल देश बल्कि विदेश में भी निर्यात किये जा रहे हैं। प्रेसंस इंडिया कंपनी के कंट्रोल पैनल और इलेक्ट्रिक उत्पादों को श्रीलंका और मलेशिया तथा एनोड इलेक्ट्रिकल कंपनी को नेपाल इलेक्ट्रिसिटी की ओर से इलेक्ट्रिक वायर का बड़ा आर्डर मिला है।
निवेशकों में मची होड़
राज्य सरकार की आईटी फ्रेंडली नीतियों से प्रभावित निवेशकों में जबलपुर के आईटी पार्क में कारोबार जमाने के लिए होड़ मची हुई है। अब तक 20 से अधिक निवेशक यहाँ कारोबार शुरू कर चुके हैं, वहीं 116 कंपनियाँ अधोसंरचना विकास में लगी हैं। इनमें जबलपुर पॉवर इंजीनियरिंग, दक्ष फाउंडेशन, लाइडर इलेक्ट्रिकल, आदित्य इंफोटेक, एग्रोटेक जैसी बड़ी कंपनियाँ शामिल हैं। आईटी पार्क में जमीन की शासकीय निर्धारित दर 86 रुपए प्रतिवर्ग फुट थी जो कंपनियों की आपसी प्रतिस्पर्धा में बढ़कर 300 रुपये तक पहुँच गई है। पार्क में भू-खंडों का आवंटन टेंडर प्रक्रिया से किया जाता है। स्थिति यह बन गई है कि 33 भूखंडों के लिए 93 कंपनियों ने टेण्डर जमा किया। निवेशकों की रूचि का आलम यह है कि आईटी सेक्टर की 60 नामचीन कंपनियां अभी भी यहां भू-खंड हासिल करने की कतार में हैं।
व्यावसायिक गतिविधियाँ बढ़ी
आई.टी. पार्क के तेजी से विकसित हो रहे स्वरूप को देखते हुए पार्क के आसपास के रामपुर, तिलवारा, सगड़ा, बाजना मठ, लम्हेटा आदि क्षेत्रों में बड़ी तेजी से व्यावसायिक गतिविधियाँ बढ़ी हैं। इससे यहाँ छोटे-बड़े होटल के संचालन सहित किराये पर मकान देने से लोगों की माली हालत में सुधार हुआ है। साथ ही रोजगार के अन्य अवसर भी सृजित हुए हैं।
हजार करोड़ का निवेश अनुमानित
आईटी पार्क में आगामी तीन वर्षों में करीब 1000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश अनुमानित है। इसको देखते हुए इसके विस्तार की योजना पर काम शुरू कर अतिरिक्त 30 एकड़ भूमि की व्यवस्था की जा रही है। पार्क में अगले कुछ वर्षों में 140 से अधिक आईटी और इलेक्ट्रानिक मेन्युफैक्चरिंग कंपनियों द्वारा एक साथ कार्य शुरू होना संभावित है। इन कंपनियों द्वारा कम्प्यूटर, मोबाइल, सोलर लाइट आदि के निर्माण और उत्पादन गतिविधियों से 12 से 15 हजार और लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा।
अन्य शहरों की तुलना में जबलपुर बेहतर
निवेशकों के नजरिये से जबलपुर के आईटी पार्क में निवेश करना और काम को गतिशीलता प्रदान करना किसी अन्य बड़े शहरों के आई.टी. पार्क के मुकाबले सरल और सुगम है। अन्य शहरों की तुलना में जबलपुर शांत और सुरक्षित भी है। जबलपुर में मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा दिसंबर 2020 में आयोजित इन्वेस्टर मीट में जबलपुर की इन्हीं तमाम खूबियों की वजह से मुंबई, बैंगलुरू, दिल्ली और नोएडा के निवेशकों ने जबलपुर आईटी पार्क में निवेश की लिए रूचि प्रदर्शित की थी।
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