जबलपुर। जबलपुर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने मंगलवार को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण डा. राम मोहन तिवारी, लिपिक अशोक शिवेदी तथा कैशियर संतोष भटेले को 21 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। कार्यालय में पदस्थ महिला चपरासी अनीशा बेगम के बेटे मोहम्मद गुलजार की शिकायत पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय में उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय परिसर में भृत्य अनीशा बेगम के बेटे मोहम्मद गुलजार ने 08 अक्टूबर को रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। गुलजार ने शिकायत में बताया था कि 26 अगस्त को कार्यालय से तीन कम्प्यूटर चोरी हो गए थे। जिसके बाद डा. तिवारी, संतोष भटेले, अशोक कुमार शिववेदी व कार्यालय में पदस्थ अहिरवार बाबू उसे प्रताडि़त करने लगे। डा. तिवारी ने उस पर चोरी का आरोप लगा दिया और विभागीय कार्रवाई न कर नौकरी बचाने के लिए 25 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। डा. तिवारी ने धमकाया कि रिश्वत की रकम न मिलने पर उसकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी तथा उसे शासकीय आवास से बाहर कर दिया जाएगा। अनीशा ने बताया कि कार्यालय परिसर स्थित आवास में वह परिवार सहित निवास करती है। उसके पति की मौत हो चुकी है।
एसपी विश्वकर्मा के मुताबिक, रिश्वतखोरी का सौदा 21 हजार में तय होने के बाद मंगलवार शाम को अनीशा अपने बेटे को लेकर लोकायुक्त कार्यालय पहुंची और 21 हजार रुपये गुलजार ने एकाउंटेंट अशोक शिववेदी को दिए। अशोक ने ये रुपये सहायक ग्रेड तीन लेखापाल संतोष भटेले को दे दिए। उसी समय टीम ने दोनों को दबोच लिया। दोनों के बयान के आधार पर डा. राम मोहन तिवारी को पकड़ा। उक्त कार्यवाही को लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरवड़े के नेतृत्व में निरीक्षक स्वप्निल दास, नरेश बेहरा, आरक्षक दिनेश दुबे, अमित मंडल, विजय विष्ट, जीत सिंह द्वारा अंजाम दिया गया। आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आगे की कार्रवाई जारी है। (एजेंसी, हि.स.)
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