जबलपुर। जबलपुर के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में शनिवार दोपहर बाद उस वक्त हंगामा हो गया, जब एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों के साथ जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट कर दी। जिसके बाद मेडिकल में भगदड़ मच गई। वहीं, परिजनों पर जूनियर डॉक्टरों ने अभद्रता का आरोप लगाया, जिसकी शिकायत गढ़ा थाने में दर्ज कराई गई तो वहीं इस मामले को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने प्रर्दशन किया।
जानकारी के अनुसार उखरी संगम कॉलोनी निवासी 69 वर्ष के राज कुमार जैन को उपचार के लिए विगत दिवस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया था, वहां पर उन्हें कोरोना संदिग्ध मानते हुए उपचार दिया जा रहा था, लेकिन जांच रिपोर्ट निगेटिव आई, जिसके बाद उनको उपचार के लिए मेडिकल के 15 नम्बर वार्ड में भर्ती किया गया। वहां पर राज कुमार जैन के परिजनों से उन्हें ऑक्सीजन लगाए जाने का आग्रह जूनियर डॉक्टरों से किया जाने लगा, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी एक नहीं सुनी। जिसके कारण राज कुमार जैन को ऑक्सीजन न मिलने पर मौत हो गई।
यह आरोप मृतक राज कुमार जैन के परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों पर लगाते हुए आगे बताया कि जूनियर डॉक्टरों की लापरवाही के कारण राज कुमार जैन को समय पर ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण उनकी मौत हो गई है। जिसकी जानकारी उन्होंने जूनियर डॉक्टरों को बताई तो उन्होंने उनके साथ अभद्रता करते हुए गालीगालौच करते हुए अभद्र व्यवहार करने लगे, जिसका उनके द्वारा विरोध किया गया तो उन्होंने मारपीट करना शुरू कर दी गई। फिर 15 नम्बर वार्ड के मरीजों के परिजनों को बाहर किया और उनको बंधक बनाया फिर लाईट बंद करके सभी जूनियर डॉक्टर एकत्रित होकर उनको बुरी तरह से पीटा।
मृतक के परिजनों ने बताया कि अगर पुलिस समय रहते हुए मेडिकल कॉलेज व अस्पताल नहीं आती तो जूनियर डॉक्टर दो सदस्यों को बुरी तरह से पीट-पीटकर उनको मार देते, लेकिन गनीमत रही कि समय पर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, जिससे उनकी जान बच सकी है।
वहीं पूरे घटनाक्रम को लेकर जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उनके द्वारा मृतक राज कुमार जैन का उपचार बेहतर रूप से किया जा रहा था, लेकिन राज कुमार जैन के परिजन उनके कार्यों में बाधा पहुंचा रहे थे और उनके साथ अभद्रता पूर्वक बात कर रहे थे, वहीं जूनियर डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया कि परिजनों ने उनके साथ अभद्रता की है, जिसको लेकर वह ऐसे परिजनों पर कार्यवाही की मांग करते हैं।
मृतक राज कुमार जैन के परिजनों ने बताया कि अगर पुलिस समय रहते हुए मेडिकल कॉलेज व अस्पताल नहीं आती तो जूनियर डॉक्टर दो सदस्यों को बुरी तरह से पीट-पीटकर उनको मार देते, लेकिन गनीमत रही कि समय पर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, जिससे उनकी जान बच सकी है। वहीं गढ़ा पुलिस इस मामले को लेकर जांच में जुट गई है और सत्यता की पड़ताल करने के बाद ही शिकायत पर उचित कार्यवाही करने की बात बता रही है।