जबलपुर। जिले के बरगी वन परिक्षेत्र में एक हाथी की मौत हो गई। शुक्रवार सुबह हाथी का शव बरगी के मानेगांव से मोहास गांव के बीच पाया गया। घटना की खबर मिलने पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उसकी मौत की वजह खोजी जा रही है। मृत हाथी और उसका एक साथी अपने दल के साथ सिवनी जिले के जंगल से मंडला तक गए थे, लेकिन वहां से लौटते समय अपने दल से बिछुड़ गए थे।
सिवनी के जंगल से करीब ढाई माह पहले करीब 20 हाथियों का एक दल निकला था। इन वन्यजीवों के दल ने मंडला जिले की वनसीमा में प्रवेश किया और वहां करीब दो माह बिताए। करीब 15 दिन पहले इन हाथियों का दल सिवनी लौट गया, लेकिन इस दल से दो हाथी बिछड़ गए। ये हाथी अपने साथियों को खोजते हुए कान्हा रिजर्व पार्क तक पहुंचे और दो दिन बाद मंडला चले गए। जहां से भटकते हुए इन वन्यजीवों ने 4 दिन पहले ही जबलपुर के वन परिक्षेत्र बरेला में प्रवेश किया था। जबलपुर डीएफओ अंजना सुचिता तिर्की ने वन परिक्षेत्र बरेला, जबलपुर, बरगी को सतर्कता से हाथियों पर नजर रखने के निर्देश दिए थे। लेकिन लगातार निगरानी के बावजूद इनमें से एक हाथी की मौत हो गई।
शुक्रवार सुबह उसका शव मिला। सूत्र बताते हैं कि बरगी वन परिक्षेत्र में एक हाथी की मौत के बाद उसका साथी पास ही मौजूद है। यह जंगली हाथी अब अकेला होकर भी लोगों की भीड़ देखते ही आक्रामक होकर हमला करने दौड़ पड़ता है। उसके साथी की मौत कैसे हुई, अभी यह स्पष्ट नहीं है। इसके बाद भी माना जा रहा है कि इस हाथी को जंगल में घूमते समय किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया होगा। इस बारे में डीएफओ अंजना सुचिता तिर्की का कहना है कि मृत हाथी का परीक्षण कर रहे डॉक्टरों की रिपोर्ट शाम तक आएगी, जिसके बाद ही उसकी मौत की सही वजह पता चल सकेगी।
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